शिलांग में बोले प्रधानमंत्री मोदी, “हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आयी बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया”


शिलांग में एक जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी- India TV Hindi

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शिलांग में एक जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने आठ साल के कार्यकाल में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास की राह में आयी सभी बाधाओं को दूर कर दिया है। पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की स्वर्ण जयंती के मौके पर शिलांग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रदान की गयी बेहतर हवाई सेवाओं से कृषि उत्पाद के निर्यात में मदद मिल रही है जिससे किसानों को फायदा पहुंच रहा है। कतर में फीफा विश्व कप के फाइनल मुकाबले से पहले मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आयी कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है। 

IIM शिलांग समेत कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन 

प्रधानमंत्री ने अपने 26 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार, भेदभाव, हिंसा और वोटबैंक की राजनीति जैसी बाधाओं को हटाया गया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘पहले पूर्वोत्तर को बांटने के प्रयास किए गए लेकिन अब हम इस तरह के प्रयासों को रोक रहे हैं।’’ उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और उनकी नींव भी रखी। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें ‘न्यू शिलांग टाउनशिप’ में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)-शिलांग भी शामिल है। आज सुबह यहां पहुंचे प्रधानमंत्री पहले ‘स्टेट कन्वेंशन सेंटर’ में एनईसी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और गणमान्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। 

क्षेत्र के आठ राज्यों को बताया ‘अष्ट लक्ष्मी’
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पिछले 50 सालों में पूर्वोत्तर के विकास में एनईसी के योगदान संबंधी पुस्तिका ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ का भी विमोचन किया। एनईसी के 50 साल के सफर पर एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी। मोदी ने क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान की भी सराहना की। क्षेत्र के आठ राज्यों को ‘अष्ट लक्ष्मी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को पूर्वोत्तर के विकास के लिए आठ नींव स्तंभ पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये आठ ‘नींव स्तंभ’ शांति, ऊर्जा, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल और सामर्थ्य है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘पूर्वोत्तर, दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है और यह पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है। क्षेत्र की इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल जैसी परियोजनाओं पर काम हो रहा है।’’ 

हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर हुई 16
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, अंतर-राज्यीय सीमा समझौते किए गए और चरमपंथ की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल में क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या नौ से बढ़कर 16 हो गयी है और उड़ानों की संख्या बढ़कर लगभग 1,900 हो गयी है जो 2014 से पहले लगभग 900 थी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के कई राज्य रेलवे के मानचित्र पर आए हैं और जलमार्गों के विस्तार के प्रयास भी किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि क्षेत्र में 2014 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 50 फीसदी तक बढ़ायी गयी है। उन्होंने पनबिजली और पर्यटन क्षेत्रों की संभावना पर भी बात की। 

पूर्वोत्तर परिषद के बारे में जानिए
एनईसी पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी हैं। इस क्षेत्र में आठ राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं। पूर्वोत्तर परिषद का गठन संसद के एक कानून के जरिए 1971 में किया गया था। हालांकि, इसका औपचारिक उद्घाटन सात नवंबर, 1972 को किया गया था। 

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