भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में दुनिया में नई पहचान दिलाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना अब सच होने जा रहा है। भारत ने इस दिशा में पहला कदम आगे बढ़ा दिया है। दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दे दी है। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। दोनों देशों के बीच सहयोग ज्ञापन पर जुलाई में हस्ताक्षर हुए थे। बयान के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच जुलाई, 2023 में जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी के लिए हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) से अवगत कराया गया।
” सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के संयुक्त विकास और अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के जुझारूपन को बनाए रखने के लिए भारत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला जापान अमेरिका के बाद दूसरा ‘क्वाड’ भागीदार बन गया है। बयान के अनुसार, “एमओसी का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उन्नति के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व की पहचान करते हुए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को संवर्धित करने की दिशा में भारत और जापान के बीच सहयोग को मजबूत बनाना है।” यह एमओसी दोनों पक्षों के हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और पांच साल तक लागू रहेगा।
2018 में हुई थी भारत-जापान डिजिटल साझेदारी की शुरुआत
बयान में कहा गया, “एक जुझारू सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ाने और पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के अवसरों पर जी2जी (सरकारों के बीच) और बी2बी (व्यापारों के बीच) दोनों तरह के द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाए जाएंगे।” दोनों देशों के बीच तालमेल और संपूरकता के मद्देनजर अक्टूबर, 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के दौरान सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों के साथ-साथ ‘डिजिटल आईसीटी प्रौद्योगिकियों’ पर अधिक ध्यान केंद्रित हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी / सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में सहयोग के दायरे में नई पहल को आगे बढ़ाते हुए ‘भारत-जापान डिजिटल साझेदारी’ (आईजेडीपी) की शुरुआत की गई थी। जापान में लगभग 100 सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र हैं और यह सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है। (भाषा)
यह भी पढ़ें