बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने दिया विवादित बयान- India TV Hindi

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बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने दिया विवादित बयान

बीजेप ने संविधान में संशोधन पर पार्टी सांसद अनंत कुमार हेगड़े के व‍िवादस्‍पद बयान से क‍िनारा कर ल‍िया है। पार्टी ने सांसद की व‍िवादस्‍पद टिप्पणी को व्यक्तिगत विचार बताया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। दरअसल, कर्नाटक सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि प्रस्तावना से “धर्मनिरपेक्ष” शब्द को हटाने के लिए बीजेपी संविधान में संशोधन करेगी। उन्होंने लोगों से लोकसभा में बीजेपी को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया, ताकि देश के संविधान में संशोधन किया जा सके। 

विपक्ष का सत्तारूढ़ दल पर हमला

कर्नाटक के सांसद की इस विवादित टिप्पणी को लेकर विपक्ष की ओर से सत्तारूढ़ दल पर हमला बोला गया। इस बीच, बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा संवैधानिक लोकाचार और राष्ट्रीय हित के अनुरूप काम किया है। वहीं, बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “संविधान पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती है। बीजेपी देश के संविधान को बनाए रखने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है और हेगड़े से उनकी टिप्पणी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।” 

बीजेपी सांसद का विवादित बयान

कांग्रेस ने बीजेपी सांसद हेगड़े के विवादित बयान के बाद आरोप लगाया कि संविधान को ‘फिर से लिखना और नष्ट करना” बीजेपी और आरएसएस का एजेंडा है। हेगड़े ने कहा कि बीजेपी को संविधान में संशोधन करने के लिए और “कांग्रेस द्वारा इसमें जोड़ी गईं अनावश्यक चीजों को हटाने के लिए” संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। कर्नाटक से छह बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा, “अगर संविधान में संशोधन करना है, कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर, विशेष रूप से ऐसे कानून लाकर, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है- यदि यह सब बदलना है, तो यह इस वर्तमान बहुमत के साथ संभव नहीं है।” 

हेगड़े के आज दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि यह दिखाता है कि बीजेपी “संविधान विरोधी” है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “उन्हें ऐसा करने दें, संविधान में संशोधन करें, इससे पता चलता है कि केंद्र की बीजेपी सरकार और बीजेपी सांसद बाबासाहेब आंबेडकर के दिए संविधान के खिलाफ हैं।” (इनपुट- भाषा)

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