अनुभव सिन्हा ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ नाम की सीरीज का निर्देशन कर रहे हैं। यह सीरीज इसी महीने रिलीज होगी, जो 1999 के कंधार विमान हाईजैक की घटना पर आधारित है। यह घटना 24 दिसंबर 1999 की है, जब नेपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए भारतीय विमान को हाईजैक कर लिया गया था और यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। दिल्ली की बजाय विमान सीधे कंधार में रुका। इस घटना ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी। आइए जानते हैं किसी देश के सबसे लंबे समय तक चले हाईजैक के बारे में, जिसे जल्द ही नेटफ्लिक्स की सीरीज में दिखाया जाएगा।
क्या था पूरा मामला
दिन था 24 दिसंबर 1999 का। इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नई दिल्ली के लिए उड़ा। विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे। कुछ हाईजैकर्स यात्रियों के वेश में विमान में चढ़े थे। जैसे ही विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुआ, हाईजैकर्स ने अपना असली रंग दिखाया और पूरे विमान को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने चालक दल के सदस्यों और यात्रियों पर बंदूकें तान दीं, उनके साथ मारपीट की और विमान को दिल्ली से पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया। विमान हाईजैक की खबर भारत पहुंच चुकी थी और सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया था। विमान में सवार यात्रियों के परिवार और पूरा देश सांस रोके हुए था।
पाकिस्तान ने की थी मांग
इस घटना की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी क्योंकि भारतीयों के अलावा विमान में कुछ विदेशी यात्री भी सवार थे। हाईजैक विमान कुछ देर अमृतसर में रुका था और फिर लाहौर के लिए रवाना हो गया था। बाद में विमान पाकिस्तान सरकार से अनुमति लिए बिना रात 8:07 बजे लाहौर में उतरा। अगली सुबह विमान लाहौर से दुबई के लिए रवाना हुआ और वहां से सीधे अफगानिस्तान के कंधार में उतरा। हाईजैक विमान जब दुबई पहुंचा तो एक यात्री का हाईजैकर्स से विवाद हो गया और इस दौरान वह घायल हो गया। हाईजैकर्स ने खून से लथपथ यात्री को दुबई में ही उतार दिया, बाद में उस यात्री की मौत हो गई। इसके अलावा ईंधन भरने के बदले 27 और यात्रियों को छोड़ा गया, जिनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। फिर एक डायबिटिक रोगी को छोड़ा गया। इसके अलावा कैंसर से पीड़ित एक महिला को कंधार में इलाज के लिए सिर्फ 90 मिनट के लिए विमान से बाहर जाने दिया गया। विमान के हाईजैक होने के कुछ घंटों बाद ही हाईजैकर्स ने बढ़ती हुई मांगें करनी शुरू कर दीं। इनमें भारतीय जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई की मांग भी शामिल थी। उन्होंने 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती भी मांगी।
भारत सरकार ने क्या किया?
हाईजैक विमान में सवार यात्रियों के परिवार और देशवासी न सिर्फ गुस्से में थे बल्कि भारत में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे थे। उस समय भारत में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी तत्कालीन प्रधानमंत्री थे। वर्तमान में भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी उस ऑपरेशन में शामिल थे। उस समय कंधार पर तालिबान का शासन था। उन्होंने मामले में हस्तक्षेप किया और उसके बाद हाईजैकर्स ने अपनी मांगें थोड़ी कम कर दीं। हालांकि, वे आतंकियों की रिहाई की मांग पर अड़े रहे। सरकार पर इतना दबाव था कि आखिरकार यात्रियों की सुरक्षा के बदले में भारतीय जेलों से तीन आतंकियों को कंधार ले जाकर छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।
फिल्म में नजर आएंगे ये एक्टर
ये तीन आतंकी मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर थे। उस समय जसवंत सिंह विदेश मंत्री थे और वे खुद तीनों आतंकियों को लेकर कंधार पहुंचे थे। 31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद सभी यात्रियों को रिहा कर दिया गया और वे सभी दिल्ली लौट आए। तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद देशवासियों को हाईजैक विमान से यात्रियों की रिहाई की जानकारी दी और सभी ने राहत की सांस ली। विमान आईसी-814 को पाकिस्तानी हाईजैकर्स ने हाईजैक कर लिया था। इस घटना पर आधारित सीरीज की बात करें तो यह 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। नए वेब शो में नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पत्रलेखा, पंकज कपूर और कुमुद मिश्रा जैसे सितारे नजर आएंगे।