क्या है बांग्लादेश का ‘अंसार ग्रुप’, जिसकी छात्रों से हुई झड़प, मोहम्मद यूनुस की बढ़ी टेंशन


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बांग्लादेश में छात्रों और अंसार ग्रुप के बीच हिंसा।

बांग्लादेश में राजनीतिक तख्तापलट के बाद से हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश से भारत आ गई थीं। इसके बाद से पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं, अल्पसंख्यकों और शेख हसीना के पार्टी के लोगों को हिंसा का निशाना बनाया गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शांति की बात कही लेकिन एक बार फिर से हिंसा शुरू हो गई है। इस बार बांग्लादेश में ताजा हिंसा छात्रों और ‘अंसार ग्रुप’ के बीच हुई है। आइए जानते हैं कि ये अंसार ग्रुप क्या है और क्यों क्यों छात्र इसे शेख हसीना का समर्थक बता रहे हैं। 

क्यों हुई हिंसा?

रव‍िवार रात बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सच‍िवालय के पास जमा छात्रों और अंसार सदस्‍यों के बीच जमकर हिंसा हुई। इस ताजा घटना में 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दरअसल, अंसार ग्रुप के सदस्यों ने सचिवालय को सीज कर दिया था। अंसार सदस्‍यों ने सचिवालय का गेट बंद कर दिया और भीतर मौजूद सरकारी अधिकारियों को बाहर नहीं आने दिया गया। इस बीच कई छात्र भी अंदर ही कैद हो गए। अंदर कैद छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए छात्रों से सचिवालय आने की अपील की, जिसके बाद हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए। 

क्या है अंसार ग्रुप?

अंसार ग्रुप एक तरह से बांग्लादेश में पैरा-मिलिट्री फोर्स है। इसका पूरा नाम बांग्लादेश अंसार एंड विलेज डिफेंस फोर्स है। इसे अंसार बहिनी या अंसार वीडीपी के नाम से भी जाना जाता है। अंसार ग्रुप के पास बांग्लादेश में आंतरिक सुरक्षा और कानून का जिम्मा है। यह पुलिस की तरह से काम करते हैं। अंसार ग्रुप सार्वजनिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, कानून प्रवर्तन और सशस्त्र बलों के समर्थन में सरकारी अधिकारियों की सहायता करता है। बांग्लादेश के दैनिक अखबार Prothom Alo के मुताबिक, बांग्लादेश में अंसार ग्रुप के करीब 61 लाख सदस्य हैं। 

क्या है अंसार ग्रुप की मांग?

रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में अंसार ग्रुप के सदस्य अपने पदों के राष्ट्रीयकरण की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर अंसार सदस्यों ने दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही अंसार कर्मियों पर छह महीने के अनिवार्य रेस्ट के नियम को भी वापस लेने की मांग हो रही थी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के लिए सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने जब इस मामले में आश्वासन दिया तब अंसार ग्रुप ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था।

छात्र लगा रहे शेख हसीना के समर्थन का आरोप

छात्रों का आरोप है कि अंसार ग्रुप बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है। दरअसल, सचिवालय में बंद छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा था कि तानाशाही ताकतें अंसार फोर्स के जरिए वापसी की कोशिश कर रही हैं। मांगें पूरी होने के बाद भी उन्‍होंने हमें सचिवालय में बंद रखा है। यह सब शरियतपुर के पूर्व सांसद इनामुल हक शमीम की देखरेख में हो रहा है। उनके बड़े भाई अंसार के डीजी थे और इन अंसार सदस्यों की भर्ती उनके भाई ने ही की थी। बता दें कि अमीनुल हक शेख हसीना की सरकार में जल संसाधन उप मंत्री रहे इनामुल हक शमीम के बड़े भाई हैं।

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