1978 में आई अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर, पहले तो दर्शकों के लिए तरसी, जब चली तो छप्परफाड़ के बरसे नोट


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1978 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की इस फिल्म से कई किस्से जुड़े हैं।

अमिताभ बच्चन को यूं ही बॉलीवुड का महानायक नहीं कहा जाता। जंजीर से लेकर शोले तक उन्होंने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। अमिताभ बच्चन अब 81 साल के हो गए हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में भी वह हर रोज 10 घंटे से ज्यादा काम करते हैं। अमिताभ बच्चन ने वैसे तो कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, लेकिन क्या आप बिग बी की उस फिल्म के बारे में जानते हैं, जिसे पहले तो सिनेमाघरों में दर्शक ही नहीं मिल रहे थे। लेकिन, फिर जब ये फिल्म चली तो ऐसी चली कि सिनेमाघरों के बाहर दर्शकों की लंबी-लंबी कतार लग गई। ये अमिताभ बच्चन के करियर की बेस्ट फिल्मों में गिनी जाती है। चलिए आपको बिग बी की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म के बारे में बताते हैं।

1978 में रिलीज हुई 

‘डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है’ इस डायलॉग को सुनते ही ‘डॉन’ फिल्म की याद आ जाती है और यहां भी इसी फिल्म की बात हो रही है। 1978 में रिलीज हुई चंद्र बरोट के निर्देशन में बनी फिल्म ‘डॉन’ ने अमिताभ बच्चन के करियर में अहम रोल निभाया था। इस फिल्म को रिलीज हुए सालों हो गए हैं, लेकिन आज भी इसके डायलॉग और गानों को लोग याद करते हैं। ‘डॉन’ हिंदी सिनेमा की क्लासिक कल्ट फिल्मों में से एक है। हालांकि, जब ये फिल्म रिलीज हुई थी तो शुरुआत में दर्शकों को तरस गई, लेकिन जब चली तो ऐसी चली की फिल्म ने छप्पर फाड़ कमाई तो की ही, साथ ही कई रिकॉर्ड्स भी तोड़ दिए।

दिलचस्प है डॉन बनने के पीछे की कहानी

इस फिल्म के बनने के पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, फिल्म के प्रोड्यूसर नरीमन ईरानी अपनी पहली फिल्म के फ्लॉप होने के बाद 12 लाख के कर्ज में डूबे थे। तब अमिताभ, जीनत अमान और डायरेक्टर चंद्र बरोट ने उन्हें एक और फिल्म बनाने की सलाह दी। नरीमन ईरानी से इनकी मुलाकात फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ की शूटिंग के दौरान हुई थी। नरीमन इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर थे और चंद्र बरोट डायरेक्ट मनोज कुमार के एडी यानी असिस्टेंट डायरेक्टर थे।

कहानी का नहीं था अता-पता

डॉन उस दौर में रिलीज हुई थी, जब अमिताभ बच्चन ‘जंजीर’ की बदौलत हर तरफ सुर्खियों में छाए हुए थे। अमिताभ, जीनत और चंद्र बरोट ने मिलकर नरीमन ईरानी को भरोसा दिया कि वह इस फिल्म के कोई चार्ज नहीं करेंगे। हां, अगर फिल्म हिट होती है, तब वह जरूर अपनी फीस लेंगे, लेकिन अगर ये नुकसान में गई तो वह कोई पैसा नहीं लेंगे। दोस्तों की सलाह पर नरीमन डॉन बनाने के लिए तैयार हो गए। फिल्म के डायरेक्शन की बागडोर चंद्र बरोट को सौंप दी गई और मुख्य किरदार के लिए अमिताभ बच्चन, जीनत अमान को फाइनल किया गया, लेकिन अब तक फिल्म की कहानी का अता-पता नहीं था।

अमिताभ की सलाह पर सलीम-जावेद से की बात

अमिताभ बच्चन ने नरीमन ईरानी को सलाह दी कि वह कहानी के लिए सलीम-जावेद के पास जाएं, जो उस दौर की फेमस और सक्सेफुल राइटर जोड़ी थी। नरीमन ने अमिताभ की सलाह पर सलीम-जावेद से बात की, लेकिन उन्होंने इतनी महंगी कहानियां सुनाईं कि वह हक्के-बक्के रह गए। इत्तेफाक से नरीमन की पत्नी सलमा, वहीदा रहमान की हेयर ड्रेसर थीं। सलमा ने वहीदा रहमान के जरिए सलीम जावेद से पति नरीमन ईरानी की सिफारिश कराई और बात बन गई।

डॉन रिलीज होने से पहले इस दुनिया को अलविदा कह गए नरीमन ईरानी

सलीम-जावेद की जोड़ी ने एक ऐसी कहानी है के बारे में बताया, जिसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था। देवानंद से लेकर जितेंद्र, धर्मेंद्र तक सब इस कहानी को नकार चुके थे। सलीम-जावेद ने भी नरीमन को वही ऑफर दिया, फिल्म हिट रही तो पैसे दे देना और फ्लॉप हुई तो कोई पैसा नहीं लेंगे। नरीमन ईरानी ने ये कहानी ले ली। अमिताभ बच्चन और चंद्र बरोट को भी कहानी पसंद आई। फिल्म की शूटिंग तो शुरू हुई, लेकिन बदकिस्मती ये रही कि नरीमन फिल्म पूरी होने से पहले ही इस दुनिया से चल बसे।

डॉन की कमाई

डॉन जब बड़े पर्दे पर रिलीज हुई तो पहले हफ्ते फिल्म को दर्शकों से कुछ खास रिस्पॉस नहीं मिला, लेकिन फिर यह फिल्म दर्शकों को पसंद आने लगी। दर्शकों ने इस फिल्म पर इस कदर प्यार लुटाया कि ये साल की तीसरी सबसे बड़ी हिट बन गई। उस दौर में फिल्म ने 7 करोड़ 20 लाख के लगभग कमाई की थी। फिल्म में 5 गाने थे और पांचो सुपरहिट रहे।

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