मुंबई पुलिस को मिली बड़ी सफलता, छोटा राजन गैंग के पांच गुर्गे गिरफ्तार, बिल्डर से मांगी थी रंगदारी


Chhota Rajan Gang- India TV Hindi

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छोटा राजन गैंग के पांच गुर्गे गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस की एंटी एक्सटॉर्शन सेल को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने छोटा राजन गैंग से जुड़े पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों ने बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। 

10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप

मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल में मुंबई के बांद्रा इलाके से इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर एक बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप है। ये आरोपी छोटा राजन गिरोह से जुड़े हैं। गिरफ्तार आरोपियों में वकील और रियल इस्टेट एजेंट भी शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों में छोटा राजन गिरोह का सदस्य गणेश राम शोराडी उर्फ डैनी उर्फ दादा, रेमी फर्नांडीस, प्रदीप यादव, मनीष भारद्वाज और शशि यादव शामिल है। इन आरोपियों में से एक आरोपी क्राईम जर्नलिस्ट J Dey की हत्या में भी शामिल था।

प्रॉपर्टी डील की जानकारी मिलने के बाद पड़े बिल्डर के पीछे

क्राइम ब्रांच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई से सटे पालघर के नायगांव की एक महिला ने अपनी प्रॉपर्टी एक बिल्डर को बेची और उसके बाद जब इन लोगों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने रंगदारी वसूलने के लिए बिल्डर से संपर्क किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बिल्डर को बांद्रा के एक होटल में मिलने के लिए बुलाया जहां उसे बताया गया कि जिस महिला से बिल्डर ने प्रॉपर्टी खरीदी है उसका गणेश के साथ पहले भी लेनदेन था।

रंगदारी नहीं देने पर खामियाजा भुगतने की धमकी

जिस वक्त बिल्डर और उसके साथी प्रॉपर्टी का निरीक्षण कर रहे थे उसी दौरान गैंग से जुड़े हुए लोगों ने बिल्डर को धमकाया और कहा कि अगर आपने 10 करोड रुपए की रंगदारी नहीं दी तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पुलिस ने बताया कि बिल्डर जब आरोपियों से मिला तो उन्होंने पिस्तौल दिखाकर उसे डराने की कोशिश की। लगातार मिल रही धमकियों से डर कर बिल्डर ने अलग-अलग गिरोह से जुड़े हुए आरोपियों को 7 लाख रुपए दिए लेकिन उनकी तरफ से और ज्यादा पैसे की डिमांड की जा रही थी।

सीनियर पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा मामला

पूरे मामले को रफा दफा करने के लिए आरोपियों की तरफ से 3 करोड़ रुपए मांगे गए जिसके बाद बिल्डर ने मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और इस मामले में पुलिस के सीनियर अधिकारियों के निर्देश के बाद जांच शुरू हुई। पुलिस की मदद से एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमें बिल्डर ने आरोपियों को पैसे देने के लिए बुलाया और जब वे लोग उससे मिलने पहुंचे तो मौके से पुलिस ने गैंग से जुड़े हुए लोगों को गिरफ्तार कर लिया।





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