लंदनः ढाई वर्ष से अधिक समय से चल रहे दुनिया के घातक युद्धों में से एक रूस-यूक्रेन संघर्ष में अब नया मोड़ आ गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस के साथ सीज फायर करने को तैयार हो गए हैं। द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि जेलेंस्की शांति के लिए रूस को यूक्रेनी क्षेत्र भी देने को तैयार हो गए हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के लिए यह खबर सबसे बड़ी है।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ज़ेलेंस्की ने कह दिया है कि “मैं शांति हासिल करने के लिए यूक्रेनी क्षेत्र रूस को छोड़ दूंगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार कहा कि उनका देश ‘नाटो की छत्रछाया’ में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के लिए छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते वह नाटो की सुरक्षा में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाटो के संरक्षण में यूक्रेन अपने उस क्षेत्र को रूस के लिए अस्थायी रूप से छोड़ सकता है, जो रूस के कब्जे में है। व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार रात पहली बार कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए वह रूस को अपना क्षेत्र सौंपने को तैयार हैं।
जेलेंस्की जमीन छोड़ने को तैयार, रूस के सामने रखी सिर्फ एक शर्त
रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश रूस को “नाटो की छत्रछाया” में यूक्रेन पर रूस के कब्जे वाले क्षेत्री की जमीन को अस्थायी रूप से छोड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम पर सहमति बनने के बाद कीव बाद में “कूटनीतिक रूप से” नाटो की मदद से उस क्षेत्र की वापसी के लिए बातचीत कर सकता है जो वर्तमान में रूसी नियंत्रण में है। मगर अभी युद्ध में शांति के लिए यह जरूरी हो गया है।
साक्षात्कार में जेलेंस्की का ऐलान
कहा जा रहा है कि ज़ेलेंस्की ने स्काई न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “अगर हम युद्ध के इस भीषण चरण को रोकना चाहते हैं, तो हमें यूक्रेन के उस क्षेत्र को नाटो की छत्रछाया में देना चाहिए जो हमारे नियंत्रण में है।” उन्होंने कहा, “हमें तेजी से ऐसा करने की जरूरत है, और फिर यूक्रेन अपने क्षेत्र के दूसरे हिस्से को कूटनीतिक तरीके से वापस पा सकता है।” यह टिप्पणियां उनकी स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं। कीव ने पहले कहा है कि वह तब तक रूस से लड़ना जारी रखेगा जब तक कि यूक्रेन अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं पर वापस नहीं आ जाता, जिसमें 2022 में व्लादिमीर पुतिन द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्रों के साथ-साथ क्रीमिया भी शामिल है। (द टेलीग्राफ)