
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस
नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान अल्पसंख्यकों को किस तरह से निशाना बनाया गया था इसे पूरी दुनिया ने देखा है। लेकिन, अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। यूनुस ने कहा है कि देश में कोई भी संविधान संशोधन धार्मिक आजादी और अल्पसंख्यक अधिकारों को कायम रखेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक भी बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी की तरह अधिकारों का लाभ उठाते रहेंगे।
यूनुस ने और क्या कहा?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने यहां अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के अध्यक्ष स्टीफन श्नेक से मुलाकात के दौरान यह बात कही। यूनुस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में धार्मिक सौहार्द के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं।’’
ढीले पड़ यूनुस के तेवर
यहां देखने वाली बात यह है कि बांग्लादेश में जारी सियासी उथल पुथल के बीच यूनुस तेवर अब ढीले पड़ रहे हैं। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है और यूनुस बांग्लादेश को संभालने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने भी देश में चुनाव को तरजीह देकर सियासी पारा बढ़ा दिया है। इस बीच यूनुस ने यह भी साफ कर दिया है कि वो अगले साल 30 जून के बाद कुर्सी पर नहीं रहेंगे।
बांग्लादेश में बिगड़ रहे हैं हालात
बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं और यूनुस सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है। ढाका समेत कई शहरों में हालात कभी भी बदल सकते हैं। एक प्रमुख व्यापारिक समुदाय के नेता शौकत अजीज रसेल पहले ही कह चुके हैं कि देश में व्यापारियों को उसी तरह मारा जा रहा है जैसे 1971 के मुक्ति संग्राम में बुद्धिजीवियों को मारा गया था। (भाषा)
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