चीन के खतरे से निपटने के लिए ताइवान ने उठाया ठोस कदम, राष्ट्रपति लाई ने किया बड़ा ऐलान


Taiwan President Lai Ching-te- India TV Hindi
Image Source : AP
Taiwan President Lai Ching-te

ताइपे: चीन और ताइवान के बीत तनातनी जगजाहिर है। चीन हमेशा से ताइवान को लेकर आक्रामक रहा है। चीन ने बार-बार कहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और वह उस पर कब्जा करने के लिए सैन्य कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेगा। चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए अब ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने बड़ा ऐलान किया है। राष्ट्रपति लाई ने कहा है कि चीन से खतरे को देखते हुए उनका देश ‘टी-डोम’ वायु रक्षा प्रणाली के निर्माण में तेजी से काम करेगा।

इजरायल के आयरन डोम की तरह होगा ‘टी-डोम’

लाई ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार एक ठोस रक्षा प्रणाली स्थापित करेगी जो खतरे की उच्च स्तरीय पहचान करने और उसे प्रभावी तरीके से नाकाम करने में सक्षम होगी। ‘टी-डोम या ‘ताइवान डोम’ जाहिर तौर पर इजरायल द्वारा विकसित आयरन डोम प्रणाली से प्रेरित है। लाई ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से अधिक और 2030 तक 5 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी संकल्प लिया। 

‘शांति और स्थिरता का केंद्र है ताइवान’

ताइवान चीन के पूर्वी तट के पास एक स्वशासित द्वीप है जिस पर चीन सरकार अपना दावा करती है। उसका कहना है कि यह उसके शासन के अधीन होना चाहिए। लाई ने ताइवान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता का केंद्र’ कहा। लाई ने कहा, ‘लोकतांत्रिक ताइवान यथास्थिति बनाए रखने, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने और क्षेत्रीय समृद्धि एवं विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा।’ 

चीन से विभाजित हुआ था ताइवान

चीन और ताइवान का 1949 में गृहयुद्ध के दौरान विभाजन हो गया था जिसके बाद चीन में कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई थी। पराजित ‘नेशनलिस्ट पार्टी’ की सेनाएं ताइवान चली गईं, जहां उन्होंने अपनी सरकार स्थापित की। चीनी सेना ताइवान के हवाई और जलक्षेत्र में नियमित रूप से लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजती है और हाल के वर्षों में उसने इस क्षेत्र में बड़े सैन्य अभ्यास भी किए हैं। 

क्या है अमेरिका की स्थिति?

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अधिकतर देशों की तरह अमेरिका ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं देता है लेकिन वह वहां की सरकार को उसकी रक्षा के लिए सैन्य उपकरण प्रदान करता है। इतना ही नहीं अमेरिका ताइवान में चीन की ओर से किए जाने वाले सैन्य बल का विरोध करता है। 

यह भी पढ़ें:

Pakistan: तहरीक-ए-लब्बैक के प्रदर्शन से डरी शरीफ सरकार, इस्लामाबाद-रावलपिंडी में बंद किया इंटरनेट

अमेरिका ने पाकिस्तान को दिखा दिया ठेंगा! AMRAAM मिसाइल देने की खबरों को किया खारिज

Latest World News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *