
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पटना में रोड शो करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
Bihar Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘जादू’ अब भी बरकरार है। 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की 200 से अधिक सीटों पर लीड कायम है। यह रुझान 2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए द्वारा जीती गई 125 सीटों से काफी आगे है। इससे साफ होता है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है।
पीएम मोदी ने के धुआंधार प्रचार ने तोड़ी एंटी-इनकम्बेंसी
बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए के जबरदस्त प्रदर्शन के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुआंधार प्नचार को मुख्य कारक माना जा रहा है। पीएम मोदी ने एनडीए के लिए बिहार में जबरदस्त प्रचार अभियान चलाया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार में 15 से ज्यादा रैलियां कीं। उन्होंने मिथिलांचल से लेकर मगध तक में अपनी जोरदार सभाओं से नीतीश सरकार की 20 साल पुराने सत्ताविरोधी लहर को भी बौना कर दिया। लिहाजा एनडीए 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है। इनमें से भाजपा 91, जेडीयू 82 और लोजपा 20 व हम 5 सीटों पर आगे चल रहे हैं। इस बार प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और विकास की रफ्तार ने भाजपा को गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया है।
महागठबंधन को 35 से कम सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन को सबसे बड़ा झटका लगा है। अभी तक आए रुझानों में महागठबंधन को 35 से भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं। यह महागठबंधन के सबसे घटिया प्रदर्शनों में से एक है। आलम यह हो गया कि एनडी के सामने महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकने वाले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आरंभ में अपनी भी सीट पर संघर्ष करते दिखे। वह शुरुआत में कई हजार मतों से पीछे चल रहे थे। हालांकि बाद के काउंटिंग राउंड में उन्होंने बढ़त बना ली।
परिवारवाद और जंगलराज को मोदी ने बनाया मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव को सुशासन और विकास बनाम जंगलराज और परिवारवाद बना दिया। प्रधानमंत्री ने पटना के गांधी मैदान से लेकर भागलपुर और मुजफ्फरपुर तक विकास, सुरक्षा और ‘जंगलराज’ के खिलाफ जोरदार हमला बोला। एक रैली में उन्होंने कहा, “बिहार अब बदलेगा, मोदी की गारंटी!” यह नारा ग्रामीण मतदाताओं को झकझोरता नजर आया। आखिरकार सत्ता-विरोधी लहर के बावजूद मोदी के अभियान ने बिहार के मतदाताओं को फिर भरोसा जीत लिया। पीएम मोदी ने अपनी कई रैलियों में कहा था कि बिहार में अब जंगलराज नहीं लौटेगा। इसके लिए उन्होंने यह भी कहा था कि आरजेडी के लिए अ से अपहरण और फ से फिरौती होता है। अपनी सभाओं के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को शहजादे कहकर बड़ा हमला बोला था। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की पसंद कट्टा और घुसपैठिया है। पीएम मोदी के इन बयानों ने जनता के दिमाग पर गहरा असर डाला।
कल्याणकारी योजनाओं ने बदला वोटरों का मूड
बिहार में चलाई गई केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार ने आखिरी वक्त में जनता का मूड बदल दिया। पीएम आवास, उज्ज्वला और लाड़ली बहना जैसी केंद्र की स्कीम्स को मोदी ने जोर-शोर से पेश किया, जिससे महिलाओं का वोटर टर्नआउट रिकॉर्ड 68% तक पहुंच गया। महिलाओं ने इस चुनाव में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। लोक गायिका मैथिली ठाकुर को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने महिलाओं को आगे बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण का बड़ा संदेश दिया। इससे मिथिलांचल में भी भाजपा और एनडीए ने जबरदस्त बढ़त हासिल की।
टिकटों के बंटवारे में फिट किया जातिगत समीकरण
बीजेपी और एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनावों में जातिगत समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा। एनडीए ने ओबीसी, एससी-एसटी और ऊपरी जातियों को एकजुट किया। जबकि दूसरी ओर महागठबंधन का ‘एमवाई’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण भी गड़बड़ा गया। वहीं एडनीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 29 सीटों पर दांव खेला और उनमें से 20 सीटों पर जीतती दिख रही है। लोकसभा चुनावों में भी लोजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था और 6 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी।