
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा
नई दिल्ली: इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा, अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में आयोजित ‘द इंडिया स्टोरी’ कार्यक्रम में नजर आए। ये कार्यक्रम विकसित भारत @2047 के तहत न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में रजत शर्मा और मशहूर शेफ, रेस्तरां मालिक एवं फिल्ममेकर विकास खन्ना के बीच दिलचस्प बातें हुईं। इस इंटरव्यू में दोनों के बीच देश, संस्कृति, सपने और मेहनत के मुद्दे पर चर्चा हुई।
रजत शर्मा कैसे बने ”Person Of Influence”?
विकास खन्ना ने रजत शर्मा से पूछा कि आप ”Person Of Influence” हैं, ऐसा क्या है जो आपको ”Person Of Influence” बनाता है ना कि महज एक इंफ्लुएंसर। रजत शर्मा ने बताया कि Influencers का प्रभाव ज्यादा दिन तक नहीं रहता है। अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि ज्यादातर Influencers का प्रभाव 6 महीने या साल भर तक ही रहता है। इनमें से कई ऐसे मिलेंगे जो कई तरह के मामलों में फंस जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें विश्वसनीयता और जिम्मेदारी की भावना नहीं होती है। दूसरी तरफ, मीडिया में हमें जिम्मेदार होना ही पड़ता है। इसी के लिए हमें ट्रेन किया जाता है। Influencers, बस पैसा कमाने और व्यूज लाने के लिए काम कर रहे हैं। और यही बात मैं सभी युवाओं से कहता हूं।
रजत शर्मा ने युवाओं के उदाहरण से समझाया
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा कि आप देखते होंगे, जब युवा रेस्तरां में खाने जाते हैं तो वह सीधे खाना नहीं खाएंगे। पहले वह रेस्तरां की फोटो खीचेंगे। फिर जो टेबल पर खाना रखा है उसकी फोटो खींचेंगे। इसके बाद, उसे अपने दोस्तों को भेजेंगे। फिर उनका कमेंट आएगा और तब वह खाना खाएंगे। खाना तब तक भले ही ठंडा हो जाए। हर कोई रील बनाने में बिजी है। अगर कॉन्सर्ट में भी जाते हैं तो लोग गाना कम सुनते हैं बल्कि अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करने में जुटे रहते हैं.
Influencers के तौर पर छोटी है जिंदगी
रजत शर्मा ने आगे कहा कि घर के अंदर भी अगर कोई मेहमान आया है और वह कुछ बोल रहा है तो लोग उसका वीडियो बनाने लगते हैं। इसी तरह, अगर कोई फैमिली रेस्तरां में खाना खाने जाती है तो सब लोग अपने फोन पर अलग-अलग लोगों से बात करते दिखते हैं लेकिन आपस में कोई बात नहीं करता है। तो ये सब रील बनाने वाले लोग हैं। Influencers के तौर पर इनकी जिंदगी काफी छोटी होती है।