The India Story: रजत शर्मा की कौन सी तमन्ना अधूरी रह गई? न्यूयॉर्क में हुए कार्यक्रम में खुद बताया


Rajat Sharma- India TV Hindi
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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुए ‘द इंडिया स्टोरी’ कार्यक्रम में बताया कि उनकी कौन सी तमन्ना अधूरी रह गई। ये कार्यक्रम विकसित भारत @2047 के तहत न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मशहूर शेफ, रेस्टोरेंट मालिक एवं फिल्ममेकर विकास खन्ना और रजत शर्मा के बीच तमाम मुद्दों पर बात हुई।

रजत शर्मा ने किस तमन्ना के बारे में बताया?

कार्यक्रम में विकास खन्ना ने रजत शर्मा से पूछा कि ऐसा कौन सा एक शख्स था, जिसे आप, “आप की अदालत” शो में लाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका? कोई तो तमन्ना अधूरी रही होगी?

इस सवाल के जवाब में रजत शर्मा ने कहा, “एक तमन्ना रह गई। मैं जिंदगी में किसी का फैन नहीं रहा। मैंने किसी को इतना एडमायर नहीं किया। एक इंसान था, जिसके बारे में, मैं सोचता था, वह एक इंस्टीट्यूशन हैं। वो थे दिलीप कुमार (यूसुफ साहब)। यूसुफ साहब का मैं बहुत सम्मान करता था और मेरी जिंदगी की तमन्ना थी कि यूसुफ साहब आप की अदालत में आएं। ऋतु (रजत शर्मा की पत्नी) कभी इस बात पर मुझसे नाराज भी होती हैं, मैं कहता हूं कि हिंदुस्तान में सिर्फ एक ही फिल्म बनी है, वो है मुगल-ए-आजम। इसके अलावा न कोई फिल्म बनी है और न बन सकती है।”

रजत शर्मा ने सुनाया दिलीप कुमार से मुलाकात का किस्सा

रजत शर्मा ने बताया, “मैंने यूसुफ साहब से टाइम मांगा और उन्होंने सुबह 10 बजे मुझे अपने घर पर बुलाया। उनके घर का पूरा ड्राइंग रूम क्रॉस करके, एक गार्डन है, उसमें व्हाइट कलर का डेक लगा हुआ था। वहां 2 सफेद कुर्सियां और एक सफेद मेज थी। मैं वहां बैठा और तभी मैंने देखा कि वो (यूसुफ साहब) आ रहे हैं। उन्होंने सफेद कपड़े पहन रखे थे। मुझे लगा कि जैसे कोई शहंशाह आ रहा है। वो उनकी वॉक में था। वह आए और मेरे पास बैठे। उन्होंने कहा कि तो आप दिलीप कुमार को आप की अदालत में बुलाना चाहते हैं? आप यूसुफ खान को कटघरे में बिठाना चाहते हैं? मैंने कहा कि मैं ही नहीं चाहता, पूरा देश चाहता है। पूरी दुनिया में लोग हैं जो ये चाहते हैं।”

रजत शर्मा ने बताया, “यूसुफ साहब ने मुझसे कहा कि बरखुरदार क्या पूछेंगे आप यूसुफ खान से? मैं बताता हूं कि आप क्या पूछेंगे। आप पूछेंगे कि दिलीप कुमार, तुम डायरेक्टर के काम के साथ इंटरफेयर करते हो? तुम निर्देशक के काम के साथ हस्तक्षेप करोगे?”

रजत शर्मा ने बताया, “मैंने कहा कि ये तो पूछते हैं। इस पर यूसुफ साहब ने कहा कि 12 सितंबर 1973 को एक मोहतरमा आई थीं और उन्होंने यही सवाल पूछा कि दिलीप कुमार आप डायरेक्टर के काम के साथ इंटरफेयर करते हो। तो मैंने कहा कि क्या महबूब खान की आत्मा आई थी आपको ये बताने के लिए। क्या के आशीष की रूह ने आपको ये बताया था? तो उन्होंने (मोहतरमा) कहा कि मैंने सुना है। सुना है के आधार पर आपने यूसुफ खान से सवाल पूछा। गेट आउट, इंटरव्यू बर्खास्त।”

रजत शर्मा ने बताया, “मैंने उनसे (यूसुफ साहब) कहा कि सर मैं आपसे ये सवाल ही नहीं पूछूंगा। कोई दूसरा सवाल पूछूंगा। इस पर यूसुफ साहब ने कहा कि आप पूछेंगे क्योंकि आप की अदालत है और मुझे जवाब देना पड़ेगा। फिर मैं क्या जवाब दूंगा। मैं आपको बताऊंगा कि महबूब खान ने मुझसे कहा कि यूसुफ जरा नाच दे। महबूब खान ने कहा कि अगर यूसुफ नहीं नाचेगा तो हम लोग महबूब स्टूडियो के बाहर कटोरा लेकर भीख मांगेंगे। उसके बाद मैं नाचा, गंगा-जमुना में नाचा। इस तरह उन्होंने 25-30 फिल्मों के बारे में बताया। मुगल-ए-आजम के बारे में उन्होंने बताया कि 90 किलो का कॉस्यूम उन्हें पहना दिया गया था। इस पर उन्होंने के आशीष से कहा कि जरा इसका वजन कम कर दें। ये बात करते-करते शाम के 6 बज गए। उन्होंने मास्को की कहानी सुनाई जब उन्हें बुखार हो गया था। उन्होंने अपने दोस्त बल्ली की कहानी भी सुनाई।”

रजत शर्मा ने बताया, “यूसुफ साहब ने मुझसे पूछा कि आपके शो में जज कौन होगा? मैंने कहा कि इस समय सबसे बड़े जर्नलिस्ट सरदार खुशवंत सिंह हैं। उन्होंने कहा कि वो नामाकूल इंसान हैं। इसके बाद मैं जिसका नाम लेता था, वो ना कर देते थे। फाइनली मैंने कहा कि जावेद अख्तर तो उन्होंने कहा कि वो ठीक हैं। इस नोट पर ये बात खत्म हुई कि अब हम दोबारा मिलेंगे और डिसकस करेंगे। 4 दिन बाद मेरे पास जावेद अख्तर साहब का फोन आया। उन्होंने कहा कि क्या बात हुई तुम्हारी यूसुफ साहब से? मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ? तो उन्होंने बताया कि 5 दिन से रोज सुबह बुलाते हैं और जजमेंट लिखाते हैं। मुकदमा हुआ नहीं है और मैं जजमेंट लिख रहा हूं।” 

दिलीप कुमार आप की अदालत में क्यों नहीं आ पाए?

रजत शर्मा ने बताया, “जब मैं और यूसुफ साहब अगली बार मिले, तभी शायरा जी की तरफ से एक स्लिप आई, जिसे यूसुफ साहब ने मुझे दिखाया भी। उसमें लिखा था कि तुम आप की अदालत शो में किसी भी कीमत पर नहीं जाओगे। इसलिए ये शो कभी नहीं हुआ। मैं उन्हें बहुत मिस करता हूं।” 

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