
जाह्नवी कपूर
जाह्नवी कपूर, जिन्होंने 2018 में ‘धड़क’ से डेब्यू किया था और अब तक फिल्मी दुनिया में एक्टिव हैं। अब उनकी फिल्म ‘होमबाउंड’ ऑस्कर की रेस में भी शामिल हो गई। इसी बीच, एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी मां श्रीदेवी की मौत के कुछ ही महीनों बाद लगातार ऐसे प्रोजेक्ट किए हैं जो उन्हें एक एक्ट्रेस के तौर पर आगे बढ़ाने का मौका दे रहे थे। चाहे वह गुंजन सक्सेना हो, गुड लक जेरी हो, मिली हो या फिर मिस्टर एंड मिसेज माही हो। फिर भी बहुत लंबे समय तक, उन्हें लगा कि मौकों और शोहरत के बावजूद, उन्होंने अभी भी लोगों की इज्जत नहीं कमाई है। अब वह कहती हैं कि यह बदल गया है। साथ ही जाह्नवी कपूर ने अपनी मां की मौत पर बने मीम्स पर भी बात की।
जाह्नवी कपूर को शोहरत नहीं, इज्जत चाहिए
मोजो स्टोरी के लिए बरखा दत्त को दिए एक इंटरव्यू के दौरान, जाह्नवी कहा कि उन्हें इज्जत चाहिए थी। उसी शो में अपनी हालिया मौजूदगी में उन्होंने बताया कि उनका नजरिया कैसे बदला है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में मैंने एक बात पक्की सीखी है कि जब तक आप खुद की इज्जत नहीं करेंगे, कोई और नहीं करेगा। फेम मुझे आसानी से मिली क्योंकि मैं किसकी बेटी हूं। इसलिए मुझे कभी नहीं लगा कि मुझे लोगों का ध्यान खींचना है। मुझे वह सब वैसे भी मिल गया। मैं बस उस दिन का इंतजार कर रही थी जब कोई मेरे पास आए और कहे- मैं तुम्हारी इज्जत करता हूं, लेकिन सच कहूं तो जब तक आप अपने स्किल सेट और अपनी काबिलियत को नहीं पहचानते, कोई और नहीं पहचानेगा।’
जाह्नवी कपूर का मां श्रीदेवी की मौत पर छलका दर्द
उसी इंटरव्यू में 28 साल की एक्ट्रेस ने अपनी मां की मौत के बाद के दर्दनाक दौर को फिर से याद किया। एक ऐसा अनुभव साझा किया जिसे उन्होंने अपने डेब्यू से कुछ महीने पहले ही ऑनलाइन बेमतलब के मजाक और मीम में बदलते देखा था। उन्होंने कहा,’उस समय मैं जिस दौर से गुजरी थी उसे मैं कभी पूरी तरह से बता नहीं पाऊंगी। भले ही मैं आपको सब कुछ बता दूं, मुझे नहीं पता कि कोई इससे रिलेट कर पाएगा या नहीं। मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखती हूं कि ऐसा न लगे कि मैं लोगों को अपने लिए बुरा महसूस कराने के लिए कुछ कह रही हूं, इसलिए मैं थोड़ा बचती हूं।’
जब मां श्रीदेवी की मौत बनी मीम्स तो टूट गई बेटी
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे पता है कि हर कोई हेडलाइन चाहता है और मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं आएगा कि मैं अपनी जिंदगी के इतने दर्दनाक हिस्से या अपनी मां के साथ अपने रिश्ते का इस्तेमाल उसके लिए कर रही हूं। इसलिए यह बात मुझे हमेशा रोकती है।’ अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर को याद करते हुए, जाह्नवी ने आज के मीडिया के माहौल में वॉयरिज्म की बुराई की। एक्ट्रेस ने कहा, ‘मीडिया कल्चर और सोशल मीडिया के वॉयरिस्टिक नेचर ने अकेले ही इंसानी नैतिकता को पटरी से उतारने में योगदान दिया है। जब मैंने अपनी मां को खोया तो वो बहुत बुरा वक्त था। मुझे नहीं पता कि कोई सोच भी सकता है कि किसी इतने करीबी को खोना कैसा लगता है और फिर उसे एक मीम बनते देखना कैसा लगता है। मुझे यह भी नहीं पता कि इसे कैसे कैलकुलेट किया जाए और यह सब दिन ब दिन बढ़ता गया। हमने देखा कि धरम जी के साथ क्या हुआ। यह पहले भी कई बार हुआ है और होता रहेगा। हम इस प्रॉब्लम का हिस्सा हैं… हर बार जब हम ऐसे वीडियो या हेडलाइन को व्यूज, कमेंट्स, लाइक्स देते हैं तो हम इस कल्चर को बढ़ावा देते हैं।’
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