PK की जनसुराज ‘फुस्स’, NOTA से भी बुरा हाल, वोट प्रतिशत देख पीट लेंगे माथा!


prashant kishor- India TV Hindi
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प्रशांत किशोर।

आज बिहार चुनाव के नतीजे आ गए। NDA की ऐतिहासिक जीत हुई और महागठबंधन की ऐतिहासिक हार हुई। JDU ने 83 सीटों पर परचम लहराया। चिराग पासवान ने भी 19 सीटें जीतकर कमाल कर दिया। जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा ने भी शानदार प्रदर्शन किया। वहीं तेजस्वी यादव बड़ी मुश्किल से जीत पाए, RJD सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई। दूसरी तरफ चुनाव में ‘X फैक्टर’ मानी जा रही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जसुपा) 243 सदस्यीय सदन में खाता खोलने में भी विफल रही है।

98% कैंडिडेट की जमानत जब्त

पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार द्वारा गठित इस पार्टी को बेरोजगारी, पलायन और उद्योगों की कमी जैसे मुद्दों पर जोरदार प्रचार के बावजूद मतदाताओं का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल सका। प्रशात किशोर ने 238 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, उसमें से 233 सीटों मतलब 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई। पार्टी को कुल वोट का 1 परसेंट भी हासिल नहीं हुआ। मायावती की बसपा जिसे बिहार में बड़ी ताकत नहीं माना जाता, उसने भी इससे ज्यादा वोट लिया और उसका वोट शेयर 1.52 परसेंट रहा।

अपने घर में भी जमानत नहीं बचा पाए पीके

प्रशांत किशोर रोहतास जिले से आते हैं जहां विधानसभा की 7 सीटें हैं। उनके अपने जिलों की सभी सीटों पर भी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है। उनकी अपनी विधानसभा करगहर में पार्टी को सिर्फ 7.42% वोट मिला है।

नियमों के अनुसार, किसी भी उम्मीदवार को जमानत बचाने के लिए कुल डाले गए वोटों का कम से कम छठवां हिस्सा हासिल करना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 10,000 रुपये और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह 5,000 रुपये निर्धारित है। निर्धारित नियम के अनुसार वोट नहीं पाने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है। 

68 सीटों पर NOTA से भी हार गई जन सुराज

जन सुराज पार्टी को जहां पूरे राज्य में 3.44% वोट मिले, वहीं वह जिन 238 सीटों पर चुनाव लड़ी उनमें से 68 सीटों पर NOTA से भी पीछे रह गई। इसका मतलब है कि लगभग 28.6% सीटों पर ‘नोटा’ को जनसुराज से अधिक वोट मिले, जो किसी भी नई पार्टी के लिए गंभीर चुनौती का संकेत है। इससे अच्छा प्रदर्शन तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM का है।

पिछली बार की तरह इस बार भी ओवैसी, बिहार चुनाव के X फैक्टर साबित हुए। सीमांचल में महागठबंधन साफ हो गया, ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछली बार भी ओवैसी की पार्टी के पांच उम्मीदवार जीते थे लेकिन जीतने के बाद चार ने पार्टी छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया। ओवैसी ने इस बार उसका बदला पूरा कर लिया। ओवैसी की पार्टी जिन पांच सीटों पर जीती है, वहां विनिंग मार्जिन का एवरेज़ 27 हज़ार से ज्यादा है।

150 सीटें जीतने का किया था दावा

प्रशांत किशोर ने पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी 150 सीट जीतेगी। बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि सीट अर्जित करने वाले दलों की सूची में जसुपा या तो सबसे ऊपर होगी या सबसे नीचे, लेकिन ‘मध्य स्थिति’ की कोई संभावना नहीं है। इस बीच, जसुपा के प्रवक्ता पवन के वर्मा ने कहा कि पार्टी बिहार चुनाव में अपने प्रदर्शन की “गंभीर समीक्षा” करेगी।  

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