वैश्विक स्तर पर बढ़ी भारत की धाक, 13वीं बार बना अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन का सदस्य; हासिल किए सबसे ज्यादा वोट


लंदन में वोटिंग के लिए जुटे आईएमओ के सदस्य देश।- India TV Hindi
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लंदन में वोटिंग के लिए जुटे आईएमओ के सदस्य देश।

लंदन: वैश्विक स्तर पर भारत का कद और बढ़ गया है। लगातार दूसरी बार भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organisation – IMO) की काउंसिल में 2026-27 के लिए फिर से  चुना गया है। आईएमओ मुख्यालय में हुए चुनाव में भारत को सबसे ज्यादा वोट मिले, जिससे वह लगातार 13वीं बार इस शक्तिशाली 40-सदस्यीय काउंसिल में बना रहेगा।

समुद्री सुरक्षा और सहयोग के लिए दुनिया का भरोसा बना भारत

भारत को यह सम्मान उसकी सतत समुद्री परिवहन (Sustainable Shipping), समुद्री सुरक्षा और दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के लिए मिला है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ‘विजन महासागर’ में वैश्विक समुदाय के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाती है। आईएमओ की स्थापना 1958 में हुई थी और तब से भारत लगातार इसकी काउंसिल का सदस्य रहा है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 

 


चीन ने भी दिया भारत को वोट 


भारत ने लगातार 13वीं बार इस संगठन का सदस्य बना और सर्वाधिक वोट हाशिल किए। इस बार भारत को कैटेगरी ‘A’ में 150 से अधिक देशों के समर्थन से चुना गया, जिसमें चीन, जापान, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी भारत को वोट दिया। विजन महासागर के तहत भारत हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकॉनमी, जलवायु परिवर्तन से निपटने और छोटे द्वीपीय देशों की मदद पर जोर दे रहा है। IMO में भारत की लगातार मौजूदगी इन लक्ष्यों को वैश्विक मंच पर मजबूती देगी।


भारत की समुद्री नीति की बड़ी जीत

इस सफलता के बाद भारत सरकार ने सभी सहयोगी देशों का आभार जताते हुए कहा, “हम आपके विश्वास के लिए धन्यवाद देते हैं। भारत समुद्री क्षेत्र में शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सतत भविष्य के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करता रहेगा।”यह सफलता भारत की बढ़ती वैश्विक समुद्री ताकत और मोदी सरकार की ‘सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) नीति की एक और बड़ी जीत मानी जा रही है।

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