
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
तकरीबन तीन हफ्ते के सस्पेंस के बाद ये सच सामने आया कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ठीक हैं, जेल में उनकी सेहत दुरुस्त है। इमरान खान की बहन उज्मा खानम ने रावलविंडी की अडियाला जेल में बंद अपने भाई से 20 मिनट तक मुलाकात की। उज्मा ने बताया कि अडियाला जेल में इमरान खान बहुत बेचैन हैं, बहुत गुस्से में हैं। करीब एक महीने से इमरान खान से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा था। न उनकी बहनों को मिलने दिया जा रहा था, न उनके वकील को, न ही पार्टी के किसी और नेता से मुलाकात कराई गई।
पाकिस्तान के लोगों को ये आशंका थी कि इमरान खान जिंदा हैं भी या नहीं। पाकिस्तान के लोगों के मन में ये भी डर था कि कहीं आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने इमरान खान को जेल के अंदर तो नहीं मरवा दिया। इमरान खान की बहनें इल्जाम लगा रही थीं कि उन्हें इमरान के बारे में कुछ भी सूचनाएं नहीं दी जा रही। लंदन से इमरान खान के बेटे आरोप लगा रहे थे कि उन्हें अपने पिता से फोन पर भी बात नहीं करवाई जा रही है लेकिन मंगलवार को इन सब अटकलों पर विराम लग गया। इमरान ख़ान ने अपनी बहन उज़्मा ख़ान के ज़रिए अपने समर्थकों को संदेश भेजा है कि वो पूरे मुल्क में आसिम मुनीर और शहबाज़ शरीफ़ की हाइब्रिड हुकूमत के ख़िलाफ़ आंदोलन करें क्योंकि अगर आसिम मुनीर का विरोध नहीं किया गया तो वो पूरे पाकिस्तान को अपना ग़ुलाम बना लेंगे।
इमरान खान से मिलने की इजाज़त देकर जनरल आसिम मुनीर की फौज ने tactical retreat किया है। पाकिस्तान में जिस तरह से लोगों में गुस्सा दिखाई दिया, इमरान खान के मरने की अफवाह फैली, जिस तादाद में लोग सड़कों पर उतरे उसे देखकर जनरल मुनीर का दिमाग ठिकाने पर आया, पाकिस्तान की फौज पर इस दबाव को और बढ़ाया पेशावर में मौजूद American consul general के साथ इमरान खान की पार्टी के नेता और खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के बीच हुई मुलाकात ने। इसी के बाद इमरान की बहन को जेल में मुलाकात करने की इजाज़त मिली। इमरान की बहन उज्मा खानम एक डॉक्टर भी हैं। इसीलिए उन्हें भाई की सेहत का जायज़ा लेने का मौका मिला। इमरान खान को 8×10 के एक कमरे में रखा गया है जिस कारण वो बेचैन भी हैं और नाराज भी।
जनरल आसिम मुनीर जानते हैं कि इमरान खान चाहे जेल में बंद हैं लेकिन पाकिस्तान में उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ खुद जनरल मुनीर अधर में लटके हुए हैं। Impression ये है कि नवाज शरीफ ने जनरल मुनीर को चीफ आफ डिफेंस फोर्स नियुक्त करने वाला notification अटकाया हुआ है। कहा जा रहा है कि इस वक़्त पाकिस्तान में कोई constitutional आर्मी चीफ नहीं है। फील्ड मार्शल आसिम मुनीर इस कुर्सी पर अवैध तरीक़े से बैठे हुए हैं क्योंकि उनका कार्यकाल 29 नवंबर को ख़त्म हो चुका है और उनको extension देने का गैजेट नोटिफ़िकेशन शहबाज़ सरकार ने अब तक जारी नहीं किया है। आसिम मुनीर को नवंबर 2022 में तीन साल के लिए आर्मी चीफ़ नियुक्त किया गया था। पिछले महीने पाकिस्तान के संविधान में संशोधन करके एक नया पद बनाया गया जिसका नाम चीफ ऑफ़ डिफेंस फ़ोर्सेज रखा गया। इस पोस्ट पर फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को 29 नवंबर को नियुक्त किया जाना था लेकिन, इसका नोटिफ़िकेशन भी शहबाज़ सरकार ने जारी नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर पाकिस्तान का आर्मी चीफ इस वक़्त कौन है और CDF कौन है।
आर्मी चीफ और CDF के अलावा, आर्मी के वाइस चीफ और एटमी हथियार की ज़िम्मेदारी संभालने वाली strategic command चीफ के पद भी ख़ाली हैं। जिस वक़्त ये नोटिफ़िकेशन जारी किया जाना था, उसी समय शहबाज़ शरीफ़ विदेश दौरे पर बहरीन चले गए और वहां से लंदन रवाना हो गए। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ भी यूरोप के दौरे पर चले गए। अब शहबाज़ शरीफ़ मुल्क लौट आए हैं लेकिन उनका विमान इस्लामाबाद में उतरने के बजाय लाहौर में उतरा।
पाकिस्तान के मीडिया में ऐसी ख़बरें चल रही हैं कि extension का नोटिफ़िकेशन जारी नहीं होने से आसिम मुनीर बेहद नाराज़ हैं। पाकिस्तान के पत्रकार बता रहे हैं कि आसिम मुनीर ने शहबाज़ शरीफ़ को पैग़ाम भिजवा दिया है कि इस देरी की क़ीमत चुकानी होगी। इसीलिए शहबाज़ शरीफ़ लंदन से भागकर लाहौर पहुंचे और अब नवाज़ शरीफ़ से सलाह-मशविरा कर रहे हैं। आसिम मुनीर के सुपर पावरफुल बनने से वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़ को तो कोई दिक़्क़त नहीं है, पर उनके भाई नवाज़ शरीफ़ परेशान हैं। वह आसिम मुनीर पर लगाम लगाना चाहते हैं, हालांकि, ऐसा करना ख़तरे से ख़ाली नहीं।
मुझे नहीं लगता है कि शहबाज शरीफ या नवाज शरीफ में इतनी ताकत है कि वो आसिम मुनीर के Notification को रोकने का फैसला कर पाएं, जनरल मुनीर के CDF बनने का मामला अटकाएं। पाकिस्तान में फौज की हुकूमत चलती है, सरकार भी फौज बनाती है और न्यायपालिका भी फौज चलाती है और आजकल तो हर रोज इसका मुजाहिरा देखने को मिलता है। इसीलिए जनरल मुनीर की ताकत और बढ़ेगी, उनके पास ज्यादा control होगा और उन्हें किसी तरह के Judicial Order से immunity भी मिलेगी। जनरल मुनीर का सबसे बड़ा डर इमरान खान की लोकप्रियता है और वो लगातार अदालतों का इस्तेमाल इमरान खान पर नए-नए case बनाने के लिए कर रहे हैं। इसीलिए इमरान के जेल से बाहर आने की उम्मीद कम है। (रजत शर्मा)
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