
[ad_1]
हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है 'छंद' जिसका अर्थ है 1. वर्ण या मात्राओं का वह निश्चित मान जिसके आधार पर पद्य लिखा जाता है 2. इच्छा; अभिलाषा। कवि केदारनाथ सिंह ने अपनी इस कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है।दुख हूँ मैं एक नए हिन्दी कवि का
बाँधो
मुझे बाँधो
पर कहाँ बाँधोगे
किस लय, किस छंद में ?ये छोटे छोटे घर
ये बौने दरवाज़े
ताले ये इतने पुराने
और साँकल इतनी जर्जर
आसमान इतना ज़रा-सा
और हवा इतनी कम-कम
नफरत यह इतनी गुमसुम सी
और प्यार यह इतना अकेला
और गोल-मोलबाँधो
मुझे बाँधो
पर कहाँ बाँधोगे
किस लय, किस छंद में ?क्या जीवन इसी तरह बीतेगा
शब्दों से शब्दों तक
जीने
और जीने और जीने और जीने के
लगातार द्वन्द्व में ?
2 minutes ago
[ad_2]
Source link