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Nagaland Political Crisis: देश के पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है. राज्य में विपक्षी दल नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के 25 में से 21 विधायक शुक्रवार को नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) में शामिल हो गए. NPF और NDPP दोनों पिछले साल बनी विपक्षी कम सर्वदलीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस (UDA) सरकार के घटक हैं.
NDPP के सदस्यों की संख्या 42 हुई
केंद्र सरकार और नगा संगठनों के बीच राजनीतिक बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए सर्वदलीय UDA सरकार का गठन किया गया था. इस गठबंधन का अध्यक्ष NPF के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग को इसका अध्यक्ष बनाया गया. वहीं नेफियो रियो राज्य के सीएम हैं. इस विलय के साथ ही राज्य की 60 सदस्यीय असेंबली में NDPP के सदस्यों की संख्या 42 हो गई है.
NPF के 21 विधायकों ने छोड़ दी पार्टी
नगालैंड असेंबली के स्पीकर शेयरिंगैन लोकंग कुमार ने एक आदेश में कहा कि उन्हें शुक्रवार को टी.आर. जेलियांग के नेतृत्व वाले NPF विधायक दल के 21 सदस्यों का पत्र मिला. पत्र में बताया गया है कि उन्होंने एनडीपीपी में विलय कर लिया है. शुक्रवार का यह घटनाक्रम NPF में आंतरिक कलह के बाद आया है.
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विपक्ष में अब केवल 4 विधायक बचे
दरअसल पार्टी के अध्यक्ष शुरहोजेली लिजित्सु ने गुरुवार को घोषणा की थी कि पार्टी अगले साल का असेंबली चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. NPF नगालैंड के साथ ही पड़ोसी राज्य मणिपुर में भी सक्रिय है. मणिपुर में उसके 5 विधायक हैं और वह वहां पर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी है. एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में NPF के 2 मंत्री हैं.
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