फर्जी रिव्यूज पर लगाम लगाएगी सरकार, फर्जीवाड़ा करने पर कंपनियों को देना होगा 50 लाख तक जुर्माना Government will rein on fake reviews, companies will have to pay fine up to 50 lakhs for forgery


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Photo:PTI ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर इन दिनों फर्जी ऑनलाइन रिव्यूज का बोलबाला हो गया है। इसके चलते भोले-भाले उपभोक्ता ठगा हुआ महसूस कर रहें हैं। हाल के दिनों में फर्जी रिव्यूज को लेकर सरकार के पास शिकायतें बढ़ी हैं। इसी को देखते हुए अब सरकार ने सख्ती का फैसला किया है। मिली जानकारी के अनुसार, उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट्स की फर्जी ऑनलाइन रिव्यूज से बचाने के लिए सरकार आज दिशानिर्देश जारी करेगी। इसके तहत ई-कॉमर्स कंपनियां अगर प्रोडक्ट्स की फर्जी रिव्यूज पोस्ट करने की दोषी पायी जाती हैं, तो उनपर 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। शुरुआत में, ये दिशानिर्देश वॉलंटरी होंगे। हालांकि, अगर कंपनियां इनका पालन नहीं करती हैं तो ये अनिवार्य हो जाएंगे।

फर्जी रिव्यूज पर पूरी तरह से लगाम की तैयारी 

सूत्रों ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर आज दिशानिर्देश जारी करेगा, जो ई-कॉमर्स कंपनियों को फर्जी प्रोडक्ट रिव्यू पोस्ट करने से हतोत्साहित करेगा। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने इस साल जून में गठित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिशानिर्देश तैयार किए हैं। समिति में विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और उपभोक्ता मामलों के विभाग जैसे हितधारक शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, कई ई-कॉमर्स कंपनियां अपने कस्टमर आधार को हथियाने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों द्वारा बेचे गए प्रोडक्ट्स के नकली रिव्यूज भी करवाती हैं। ऐसी नकली रिव्यूज ग्राहकों की पसंद को प्रभावित करते हैं।

लगातार मिल रही हैं शिकायतें 

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर को इस संबंध में शिकायतें मिल रही थीं। जिसके चलते कंपनियों को नकली प्रोडक्ट रिव्यू पोस्ट करने से रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए। नए दिशानिदेशरें के अनुसार, गलती पाए जाने पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के अनुसार, नकली रिव्यूज लिखने वाले समीक्षकों को केवाईसी पद्धति के माध्यम से क्रॉस-वेरिफिकेशन के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिल, डॉक्यूमेंट्स, पिक्चर्स और यहां तक कि वीडियो जैसे अपने पहचान विवरण जमा करने के लिए कहा जा सकता है।

इनके खिलाफ भी कार्रवाई संभव 

इसके अलावा, ई-कॉमर्स कंपनियों से अनवेरिफाइड बायर्स और समीक्षकों को हटाने के लिए भी कहा जा सकता है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ जुर्माना और कार्रवाई की जाएगी। इन गाइडलाइंस का असर ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे स्विगी, जोमैटो और अमेजन आदि पर पड़ सकता है।

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