Politics heats up on the Tawang face off indian chinese soldiers clash, opposition is gearing up to surround the government in Parliament


संसद म- India TV Hindi

Image Source : पीटीआई
संसद

अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की घटना से दिल्ली में सियासत गरमा गई है। इस बात के पूरे आसार हैं कि आज संसद में विपक्ष इस मुद्दे को उठा सकता है। विपक्षी दलों ने सरकार को संसद में घेरने के लिए कमर कस ली है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस यह कह रही है कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है। विपक्ष की मांग है कि तवांग में जो कुछ भी हुआ है उस पर प्रधानमंत्री पूरी जानकारी देश को दें। हालांकि विपक्ष ने भारतीय सेना के जवानों के एक्शन का समर्थन कर रहा है। वहीं सरकार के काम पर सवाल जरूर उठा रहा है।

अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं मोदी-खड़गे

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराके देश को भरोसे में लेना चाहिए। हम अपने जवानों की वीरता और बलिदान के ऋणी हैं।’ 

सेना के शौर्य पर हमें गर्व है-जयराम रमेश

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ट्वीट किया है, ‘भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।’ रमेश ने आरोप लगाया, ‘देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।’ 

पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास हुई थी मामूली झड़प

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास  टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी है।

9 और 11 दिसंबर को हुई झड़प

दरअसल, 9 दिसंबर को अस्थाई निर्माण का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना पर पथराव किया जिसमें 8 भारतीय सैनिक घायल हो गए थे। भारतीय सैनिकों ने चीनी बंकर और बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। इसके बाद 11 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिकों ने फिर से हमला कर दिया।इस बार जमकर हाथापाई हुई और भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया।आखिरकार 12 दिसंबर को कमांडर लेवल की फ्लैग मीटिंग हुई जिसके बाद हालात काबू में आए।

इनपुट-एजेंसी

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *