Congress now told army as hero and PM Modi as coward asked why not answering in Parliament-कांग्रेस ने अब सेना को बताया ‘वीर’ और पीएम मोदी को ‘कायर’, पूछा- संसद में क्यों नहीं दे रहे जवाब


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और पार्टी प्रवक्ता पवन खेरा(फाइल फोटो)- India TV Hindi

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और पार्टी प्रवक्ता पवन खेरा(फाइल फोटो)

तवांग में भारत और चीन की सेना के बीच हुई झड़प के बाद देश में बहस छिड़ी हई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर इस मुद्दे को लेकर लगातार हमले कर रही हैं। इस बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह LAC पर स्थिति के बारे में संसद में ‘चर्चा करने से भाग रहे’ हैं। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर डिफेंस मिनिस्टर को नहीं, बल्कि पीएम को  जवाब देना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ‘चीन’ शब्द नहीं बोलते हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने यह भी सवाल किया कि क्या सरकार चीन के साथ अपने ‘नजदीकी संबंधों’ के कारण खामोश है। 

‘अप्रैल में खुल गया एक नया चैप्टर’

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे, जब हम सीमाओं पर मजबूत स्थिति में थे तथा इस दौरे के बाद द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कि अप्रैल 2020 में यह सब खत्म हो गया और एक नया चैप्टर खुल गया। रमेश ने दावा किया,‘‘(मौजूदा)प्रधानमंत्री ने चीन को यह कहकर क्लीन चिट दे दिया कि ‘कोई ना आया और ना ही कोई हमारे इलाके के अंदर है।’ इस क्लीन चिट के कारण सौदेबाजी करने के लिहाज से हमारा पक्ष कमजोर हो गया।’’ 

‘पीएम मोदी के गुजरात सीएम के टाइम चीन से नजदीकी संबंध’

कांग्रेस महासचिव ने ‘चीन पर चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो’ का नारा लगाया। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी कहा कि पीएम चीन पर जवाब देने से इनकार करते हैं और चीन पर चर्चा नहीं चाहते। उन्होंने आरोप लगया कि पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी से चीन के साथ उनके नजदीकी संबंध हैं। खेड़ा ने आरोप लगाया कि देश में ‘वीर सेना और कायर राजा’ की कहानी जैसी स्थिति है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व में बीजेपी नेताओं ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ ट्रेनिंग में हिस्सा लेने के लिए चीन की यात्रा की थी। 

इस संगठनों के चीन से क्या संबंध हैं?- पवन खेड़ा

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठनों के चीन से क्या संबंध हैं, जिसके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी जुड़े रह चुके हैं। खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि वह ‘थिंक टैंक’, जिसकी एक इकाई के प्रमुख विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे हैं, उसे चीनी दूतावास से तीन बार चंदा मिला था। 

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