बिहार में शराबबंदी की खुली पोल
कहने को बिहार में पिछले कई वर्षों से शराब बंद है। यहां शराब का उत्पादन करना, बेचना और पीना सभी अवैध हैं लेकिन परदे के पीछे सब कुछ जायज है। आप थोडा सा ज्यादा खर्च करिए आपको आपके घर पर शराब पहुंच जाएगी। शराबबंदी के बावजूद राज्य में जहरीली और नकली शर्ब का धंधा खूब फल-फुल रहा है। इस शराब को पीने की वजह से पिछले दिनों 72 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन अभी भी जहरीली शराब बेचीं और पी जा रही है।
कार्रवाई के बाद भी नहीं बंद होता शराब का जहरीला धंधा
ऐसा नहीं है कि जहरीली शराब पीने से राज्य में ये मौतें पहली बार हुई हों। यहां हर महीने कहीं न कहीं से ऐसी मौतों की ख़बरें आती हैं। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन नींद से जागता है और कार्रवाई शुरू करता है। शराब के अड्डों पर छापे मारे जाते हैं। कुछ शराब को नस्त किया जाता है और कुछ गिरफ्तारियां भी की जाती हैं लेकिन इसके बावजूद मौत का तांडव मचाने वाली जहरीली शराब का धंधा बंद नहीं होता है।
72 मौतों के पीछे का कारण- जहरीली शराब
पिछले 2-3 दिनों में राज्य में कई मौतें हो चुकी हैं। इन मौतों के पीछे का कारण जहरीली शराब है। प्रदेश में राजनीतिक बवाल भी मचा हुआ है। सदन में कुर्सियां तक उठ गईं। लेकिन इसके बावजूद जहरीली शराब बनाने और बेचने वलोन के हौसले कम नहीं हुए। इसका खुलासा हुआ इंडिया टीवी के कैमरे पर। राज्य के छपरा जिले में झाड़ और जंगलों के बीच में शराब की कई भट्टियां हैं। यहां हर रोज हजारों लीटर शराब बनाई जाती है।
72 मौतों के बाद शुरू हुई कार्रवाई
तमाम मौतों के बाद अब पुलिस और एजेंसियां जाग गई हैं और शराब के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस जंगल से पुलिस ने हजारों लीटर शराब बरामद की है। जिसे बरबद किया गया और शराब बनाने वाले बर्तनों और साधनों में आग लगा दी। पुलिस अब तक इस मामले में 305 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस ने अपनी कार्रवाई के दौरान शराब के अड्डों अपर ड्रोन कैमरे की मदद से छापे मारे। इस दौरान तस्कर अड्डों से भाग निकले। पुलिस ने कच्चे माल में आग लगा दी।
इंडिया टीवी की एक्सक्लुजिव रिपोर्ट ‘ऑपरेशन शराब’ में देखिए कैसे तस्कर शराब को बनाते थे, कहां इनका अड्डा था और कैसे यह जहरीली शराब लोगों तक पहुंचाई जाती थी।