Not wearing seat belt claimed 16,397 lives in road accidents in 2021 । सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 16,397 लोगों की जान गई


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सीट बेल्ट

नई दिल्ली: सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 16,397 लोगों की जान चली गई जिनमें से 8,438 वाहन ड्राइवर थे और शेष 7,959 यात्री थे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) द्वारा जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में हेलमेट नहीं पहनने के कारण 46,593 लोगों की मौत हुई जिनमें 32,877 वाहन ड्राइवर तो 13,716 यात्री थे। 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 1,53,972 लोगों की जान चली गई और 3,84,448 लोग घायल हुए।

हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं पहनने से इतने लोग हुए घायल


रिपोर्ट के अनुसार 2021 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण 93,763 लोग घायल हुए और सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 39,231 लोग घायल हुए। हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे सुरक्षा उपकरण सड़क दुर्घटनाओं में घातक और गंभीर चोट से बचाते हैं। कुछ अपवादों को छोड़कर, दोपहिया वाहनों पर सवार सभी लोगों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है।

सड़क दुर्घटना में हुई थी साइरस मिस्त्री की मौत

टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की मौत 4 सितंबर को सड़क दुर्घटना में हुई। मिस्त्री की कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। कार में मिस्त्री के साथ पीछे की सीट पर उनके मित्र जहांगीर पंडोले बैठे हुए थे और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। डिवाइडर से जबरदस्त टक्कर के बाद कार की तेज गति के कारण उन्हें गंभीर चोट आई। हादसे में मिस्त्री और पंडोले दोनों की मौत हो गई।

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यूपी में होती है सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतें

केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138(3) के तहत पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना है, लेकिन ज्यादातर लोग या तो इस अनिवार्य नियम से अनजान हैं या वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर रहा है और कुल मौत के मामलों में से 15.2 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं। वर्ष 2020 में भी उत्तर प्रदेश इस मामले में शीर्ष पर रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु (9.4 प्रतिशत), महाराष्ट्र (7.3 प्रतिशत), और राजस्थान (6.8 प्रतिशत) का स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं के कुल मामलों में से शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लाल बत्ती पार करना और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना लगभग 8.2 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण बना।

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