Upendra Kushwaha said on Chandrashekhar statement on Ramcharit Manas some misguided leaders of RJD are helping BJP रामचरित मानस पर चंद्रशेखर के बयान पर बोले उपेंद्र कुशवाहा


उपेंद्र कुशवाहा- India TV Hindi

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उपेंद्र कुशवाहा

जनता दल (यूनाइटेड) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल द्वारा मंत्री चंद्रशेखर और विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई में देरी से उन अटकलों को बल मिल सकता है कि लालू प्रसाद की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ समझौता कर लिया है।  कुशवाहा ने कहा, “उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुद कहा है कि सुधाकर सिंह का व्यवहार भाजपा को मदद करने समान है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने राजनीतिक विमर्श को रामचरितमानस के इर्द-गिर्द केंद्रित कर दिया है और इसमें कोई दोराय नहीं कि कि यदि विवाद जारी रहा तो सबसे अधिक फायदा भाजपा को ही होगा।’’ 

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “उन दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का यह सही समय है, जिन्होंने महागठबंधन सरकार को शर्मसार किया है। अगर राजद उन लोगों पर लगाम नहीं लगाता है जो भाजपा की मदद कर रहे हैं तो भगवा पार्टी के साथ गुप्त सौदे के आरोप सही साबित होंगे।” कुशवाहा ने कथित राजद-भाजपा सौदे की व्याख्या करने के लिए ‘कानूनी राहत’ शब्द का इस्तेमाल किया और उनका परोक्ष इशारा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दर्ज मामलों की ओर था। 

जदयू पीछे नहीं, बल्कि आगे बढ़ रहा है – ललन सिंह 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन से जब कुशवाहा की नाराजगी पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘जदयू पीछे नहीं, बल्कि आगे बढ़ रहा है। जहां तक राजद के गुमराह नेताओं का संबंध है, राजद नेतृत्व इस बारे में निर्णय लेने के लिए सक्षम है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कुशवाहा की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए कहा, “जो लोग भाजपा के साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हैं, उन्हें आईने में देखना चाहिए।’’ 

नीतीश कुमार का चरित्र हिंदू विरोधी – बीजेपी 

इस बीच, भाजपा ने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करना जारी रखा है। भाजपा ने कुशवाहा के गुस्से को मुख्यमंत्री द्वारा उनकी उपमुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं को ठुकराने से जोड़ा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय जैसे नेताओं ने आरोप लगाया कि रामचरितमानस के अपमान पर नीतीश सरकार की चुप्पी उसके हिंदू विरोधी चरित्र का संकेत है।





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