जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आफत लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार शाम को जोशीमठ के नए इलाकों में दरारें देखी गई है जहां अभी तक दरारें नहीं थी। ये दरारें होटल मलारी इन और माउंट व्यू से डेढ़ किलोमीटर दूर है यानी खतरा अब जोशीमठ के 9 वार्डों तक ही सीमित नहीं रह गया है, दूसरे इलाके भी इसकी जद में हैं। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोर्ट के दखल देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की दायर याचिका पर सुनवाई करेगी लेकिन जोशीमठ में आई नई दरारें पूरे इलाके में बड़े खतरे की आहट हैं।
माउंट व्यू होटल से 1.5 किमी दूर दिखी दरारें
इंडिया टीवी की टीम जिस होटल में पिछले एक हफ्ते से रुकी हुई थी उस होटल में कल शाम को अचानक दरारें आ गई हैं। टीम जिस तथास्तु स्की होटल में रूकी है वो होटल मलारी इन और माउंट व्यू से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। इस इलाके में अभी तक किसी तरह की कोई दरार नहीं थी लेकिन कल शाम से यहां अचानक दरारें दिखने लगी है।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की याचिका पर होगी सुनवाई
हालांकि उत्तराखंड सरकार का का दावा है कि बीते 72 घंटों में किसी मकान में नई दरार देखने को नहीं मिली है, लोगों को घबराने की जरुरत नहीं हैं। लेकिन तथास्तु होटल की दीवारों में आई दरारें सरकार की चिंता जरूर बढ़ा सकती है क्योंकि ये तपोवन का इलाका है जो अभी तक दरारों से बचा हुआ था। ग्राउंड ज़ीरो पर जोशीमठ को बचाने के लिए प्रशासन दिन रात एक कर रहा है। वहीं, जोशीमठ को बचाने की जंग देश की सर्वोच्च अदालत में भी लड़ी जा रही है। आज सुप्रीम कोर्ट में जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोर्ट के दखल देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी।
जोशीमठ
तिनका-तिनका टूट रहे होटल
जोशीमठ के खतरनाक करार दिए जा चुके दोनों होटलों को गिराने का काम तेज़ कर दिया गया है। कड़कड़ाती ठंड में भी होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को तोड़ने की कार्रवाई लगातार चल रही है। आज दोनों होटल जहां पर झुककर एक दूसरे में मिले हुए हैं उस हिस्से को तोड़कर अलग किया जाएगा। होटलों के ऊपर का टिन शेड गिरा दिया गया है अब कॉलम, लिंटर और पिलर को छेनी-हथौड़े से तोड़ा जा रहा है।
पानी का रिसाव हुआ तेज
औली में हुई बर्फबारी और जोशीमठ में हो रही बारिश यहां के लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। जेपी कॉलोनी में फूटे झरने से पानी का रिसाव एक बार फिर तेज हो गया है। इस झरने के ओरिजिन का पता अब तक भूगर्भ वैज्ञानिक नहीं लगा सके हैं। 24 घंटे ये मटमैला पानी कहां से आ रहा है, कोई भी इस गुत्थी को सुलझा नहीं सका है। इस झरने का बढ़ता पानी और नए इलाकों में आई दरारें एक बार फिर लोगों को डराने लगी है। लोगों को डर है कि कहीं पानी के बढ़ते रिसाव का असर दूसरे इलाकों पर न पड़ने लगे।