गणतंत्र दिवस पर शायरी मैसज | Happy Republic day 2023 Messages Wishes Quotes in Hindi


Happy Republic day 2023 Wishes Messages Quotes and Status in Hindi- India TV Hindi

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Happy Republic day 2023 Wishes Messages Quotes and Status in Hindi

Republic Day 2023:  गणतंत्र दिवस या छब्बीस जनवरी (26 Januray) हर भारतीय के लिए एक बड़ा दिन है। ऐसे में इस दिन हम अपने दोस्तों, सहकर्मियों, परिवार और रिश्तेदारों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। तो, आज हम आपको 10 बिलकुल अलग गणतंत्र दिवस के मैसेज बताएंगे जिन्हें आप लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं। 

1.  छब्बीस जनवरी है 

मैं गुनगुना रहा हूं
मस्ती में गा रहा हूं
ख़ुशियाँ मना रहा हूं,
आलम पे छा रहा हूं, 
दिल महव-ए-बे-ख़ुदी है…. छब्बीस जनवरी है 

शायर: कंवल डिबाइवी

2. बड़े नाज़ से आज उभरा है सूरज 
हिमाला के ऊंचे कलस जगमगाए 
पहाड़ों के चश्मों को सोना बनाया 
नए बिल नए ज़ोर इन को सिखाए 
लिबास-ए-ज़री आबशारों ने पाया 

शायर: मुईन अहसन जज़्बी

3. हर साल जगमगाती है छब्बीस जनवरी 
हर सम्त मुस्कुराती है छब्बीस जनवरी 
सब के दिलों को भाती है छब्बीस जनवरी 
शान-ए-वतन दिखाती है छब्बीस जनवरी 
जनता का दिल बढ़ाती है छब्बीस जनवरी 

शायर: मसूदा हयात

4. हिन्द के जाँ-बाज़ सिपाही
एक खाते हैं तो दो मुंह पे वहीं जड़ते हैं 
हश्र कर देते हैं बरपा ये जहां अड़ते हैं 
जोश में आते हैं दरिया की रवानी की तरह 
ख़ून दुश्मन का बहा देते हैं पानी की तरह 
हिन्द के जाँ-बाज़ सिपाही

शायर: बर्क़ देहलवी

Happy Republic day 2023 Wishes

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Happy Republic day 2023 Wishes

5. आओ तिरंगा लहराये
आओ तिरंगा फहराये
अपना गणतंत्र दिवस है आया। झूमें, नाचें, खुशी मनायें
देश पर कुर्बान हुए शहीदों पर, श्रद्धा सुमन चढ़ायें

6. संविधान के नए पन्नो पर, भारत का भविष्य नज़र आया
भारत का बच्चा बच्चा फिर, जय भारती का राग सुनाया

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7. भारत की आरती
देश-देश की स्वतंत्रता देवी, आज अमित प्रेम से उतारती।
निकटपूर्व, पूर्व, पूर्व-दक्षिण में, जन-गण-मन इस अपूर्व शुभ क्षण में
गाते हों घर में हों या रण में, भारत की लोकतंत्र भारती

कवि: शमशेर बहादुर सिंह

8. आज से आजाद अपना देश फिर से!
ध्यान बापू का प्रथम मैंने किया है,
क्योंकि मुर्दों में उन्होंने भर दिया है
नव्य जीवन का नया उन्मेष फिर से!
आज से आजाद अपना देश फिर से!

कवि: हरिवंशराय बच्चन

9. परम्परा पुरखों की हमने
जाग्रत की फिर से,
उठा शीश पर हमने रक्खा
हिम किरीट उज्जवल!
हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

कवि: हरिवंशराय बच्चन

10. जय बोलो उस धीर व्रती की जिसने सोता देश जगाया,
जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया,
जिसने आज़ादी लेने की एक निराली राह निकाली,
और स्वयं उसपर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया,
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

कवि: हरिवंशराय बच्चन

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