Don’t break your savings by buying a car, car loan follow the 50:20:4 formula and stay tension free| Don’t break your savings by buying a car, follow the 50:20:4 formula and stay tension free


कार - India TV Hindi
Photo:INDIA TV कार

आज भी देश के लाखों मध्यम वर्ग परिवारों के लिए कार खरीदना आसान नहीं है। अगर, कार खरीदने का सपना पूरा हुआ तो बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। ऐसे में अगर आप भी मध्यमवर्ग परिवार से ताल्लुक रखते हैं और कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है, जैसे कार की कीमत बहुत ज्यादा नहीं हो। कार लेने के बाद ईएमाआई का बोझ आपका बजट नहीं बिगाड़े। आज हम आपको 50:20:4 का एक फॉर्मूला बता रहे हैं। अगर आप इसको फॉलो करेंगे तो कार खरीदने के बाद न ही आपका सेविंग का ब्रेक फेल होगा और न ही बाद में ईएमआई चुकाने में टेंशन आएगी। तो आइए जानते हैं कि क्या है यह फॉर्मूला? 

50:20:04 के फॉर्मूले में 50 के मायने 

50:20:04 के फॉर्मूले में 50 के मायने आपकी 50 फीसदी सालाना इनकम  से है। इसको ऐसे समझें कि अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपये है तो आप 5 लाख रुपये से अधिक कीमत की कार नहीं खरीदें। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप अपनी सालाना इनकम के 50 फीसदी से अधिक कीमत वाली कार खरीदेंगे तो आपका बजट बिगड़ जाएगा। ईएमआई का बोझ बढ़ने से आपको वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

50:20:04 के फॉर्मूले में 20 के मायने 

इस फॉर्मूले में 20 का मतलब कार की ऑन रोड कीमत के डाउन पेमेंट से है। फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि आप जब भी कार खरीदने जाएं तो आपके पास उसकी कीमत का 20 फीसदी डाउन पेमेंट करने लायक पैसा होना चाहिए। 20 फीसदी डाउन पेमेंट करने से आप पर ईएमआई का बोझ कम हो जाएगा तो बाद में आपको राहत पहुंचाएगा। वैसे, आज कल कई बैंक 100 फीसदी फाइनेंस की सुविधा दे रहे हैं। लेकिन यह सही नहीं है। बैंक अपना करोबार बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इसका खामियाजा आपको बाद में उठाना पड़ता है। इसलिए हमेशा 20 फीसदी डाउनपेमेंट करने की कोशिश करें। 

50:20:04 के फॉर्मूले में 04 के मायने 

इस फॉर्मूले में 04 का मतलब कार की लोन अवधि है। यानी आप जो भी कार खरीदें उसकी ईएमआई 4 साल से अधिक नहीं कराएं। वैसे बैंक आसानी से कार लोन पर 7 साल की ईएमआई देते हैं। हालांकि, यह नुकसान का सौदा होता है क्योंकि ब्याज के रूप में आपको बड़ी रकम चुकानी होती है। 4 साल लोन की अवधि रखने पर ब्याज कम चुकानी होती है और जल्द ही लोन का बोझ भी खत्म हो जाता है। 

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