Mahatma Gandhi Death Anniversary some unknown facts about the assassination of bapu । महात्मा गांधी पर 5 बार हो चुके थे हमले, छठवें में गई थी जान; बापू की हत्या पर ये बातें जरूर जानें


महात्मा गांधी की हत्या पर पूरी दुनिया रह गई थी सन्न- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTO
महात्मा गांधी की हत्या पर पूरी दुनिया रह गई थी सन्न

30 जनवरी, 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी और इस तरह आज का दिन इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शामिल हो गया। विडम्बना देखिए कि अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए। वह उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे। उसी समय गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत ‘हे राम’ कहकर दुनिया से विदा हो गया। आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हम आपको बापू के बारे में कई अनसुनी बाते बताएंगे।

जहां गिरे थे बापू, लोग ले जा रहे थे मिट्टी


अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम दुनियाभर में सम्मान से लिया जाता है। लेकिन अपने ही देश में बापू को मौत के घाट उतार दिया गया। नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की छाती में तीन गोलियां दागीं थी। गोली लगने के थोड़ी ही देर बाद महात्मा गांधी का निधन हो गया। लेकिन गोली लगने के बाद गांधीजी जिस जगह गिरे थे, लोग वहां की मिट्टी उठाकर ले जाने लगे। उस जगह की मिट्टी लोग इस कदर उठाने लगे कि वहां गड्ढा बन चुका था। ये एक ऐसी हत्या थी जो मानव इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में से एक है। नाथूराम गोडसे पकड़ा गया, उसे गिरफ्तार कर लिया गया और फिर मौत की सजा सुनाई गई। 

बापू के कुछ हत्यारे हुए थे रिहा 

महात्मा गांधी की हत्या मामले में कुल आठ आरोपियों को दोषी करार दिया गया था। इस हत्याकांड में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा गई। लेकिन गोपाल गोडसे, विष्णु करकरे, मदनलाल पहवा, दत्तात्रेय परचुरे, दिगंबर बड़गे और शंकर किस्तैया को उम्रकैद की सजा मिली। लेकिन सावरकर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। जब स्पेशल कोर्ट के इस फैसले को पंजाब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो 21 जून 1949 में हाईकोर्ट ने शंकर किस्तैया और दत्तात्रेय परचुरे को भी रिहा कर दिया। नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अम्बाला की सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। ये आजाद भारत की पहली फांसी थी।

5 बार हुए थे गांधी जी की हत्या के प्रयास

  • 30 जनवरी, 1948 की शाम को महात्मा गांधा पर हुआ ये हमला कोई पहली दफा नहीं था, बल्कि इससे पहले भी बापू पर कई जानलेवा हमले हो चुके थे। हत्या से पहले गांधी जी पर पांच असफल जानलेवा प्रयास किए जा चुके थे। 25 जून 1934 को पुणे में कुछ लोगों ने एक गाड़ी को बापू की कार समझकर बमबारी की थी। 
  • जुलाई 1944 में पंचगनी में प्रदर्शनकारियों ने गांधी विरोधी नारे लगाए थे। जिसके बाद समूह के नेता नाथूराम को बातचीत के लिए बुलाया गया, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। बाद में गोडसे बापू की ओर खंजर लेकर भागा था, जिसे पहले ही रोक लिया गया था। 
  • सितंबर 1944 में फिर गोडसे ने बापू के आश्रम में भीड़ इकट्ठा करदी और इसकी आड़ में खंजर लेकर गांधी जी तक पहुंचना चाह रहा था। लेकिन उसे पहले ही रोक लिया गया। 
  • इसके बाद जून 1946 में भी गांधी जी जब ट्रेन से पुणे जा रहे थे, तब किसी ने ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिए और ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी। हालांकि इस हादसे में बापू सुरक्षित बाहर आ गए  थे। 
  • 20 जनवरी 1948 को बिड़ला भवन में मदनलाल ने बापू की हत्या की साजिश की थी लेकिन उसे पहले ही पहचान लिया गया और प्लान नाकाम हो गया। 

ये भी पढ़ें-

Gandhi Godse ek yudh में ये फेमस अभिनेता निभाएंगे महात्मा गांधी की भूमिका, इस दिन रिलीज होगी फिल्म

अब भारत में इस जगह लगेगी महात्मा गांधी की विश्व की सबसे ऊंची दूसरी प्रतिमा, जानें बजट और खासियत

 

 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *