Abdullah Azam Khan after disqualify from up assembly name struck off from Rampur electoral rolls । यूपी से बड़ी खबर: अब्दुल्ला आजम को तगड़ा झटका, अब तो वोट भी नहीं दे पाएंगे, जानें वजह


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अबदुल्ला आजम को लगा तगड़ा झटका

UP News: समाजवादी पार्टी के नेता और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को तगड़ा झटका लगा है। वे अब वोट नहीं दे सकेंगे। अब्दुल्ला आजम खान का नाम शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद रामपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची से काट दिया गया है। रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने मतदाता सूची से अब्दुल्ला आज़म खान का नाम हटाने के लिए पत्र लिखा था जिसके बाद निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने ये फैसला सुनाया है और ईआरओ, रामपुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब्दुल्ला आजम का नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है। 

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ), रामपुर ने कहा कि जारी आदेश में कहा गया है कि, “जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति का नाम जो पंजीकरण के बाद अयोग्य हो जाता है, उसे मतदाता सूची से तुरंत हटा दिया जाता है। आदेश पत्र में कहा गया है कि यह प्रावधान स्पष्ट करता है कि विधानसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब्दुल्ला आजम खान का नाम तुरंत मतदाता सूची से हटा दिया जाए।”

इलाहाबाद कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व विधायक को चुनाव की तारीख पर न्यूनतम योग्यता आयु प्राप्त नहीं करने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा था, “हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस अदालत ने रामपुर जिले के 34, स्वार विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित उम्मीदवार (मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान) के चुनाव को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका के संदर्भ में जो देखा है उसमें चुनाव का परिणाम 11 मार्च, 2017 को घोषित किया गया था और वे तब तक 25 साल की उम्र को पूरी नहीं कर सके थे।  

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने 7 नवंबर, 2022 को दिए गए एक आदेश में कहा, ” अब्दुल्ला आलम खान के उम्र के आलोक में उम्र पूरी नहीं करने के संदर्भ में तदनुसार समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा कोई प्रकट त्रुटि नहीं थी, जिसने समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म खान के उत्तर प्रदेश के विधायक के रूप में चुनाव को रद्द कर दिया था और इसमें शीर्ष अदालत द्वारा किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं थी।

शीर्ष अदालत ने अब्दुल्ला आजम खान द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश द्वारा विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता को चुनौती देते हुए दायर अपील को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वह 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से आजम खां के पुत्र के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया था क्योंकि उनकी आयु 25 वर्ष से कम थी। अब्दुल्ला खान 11 मार्च, 2017 को सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 

 

 





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