telangana high court Directs not to take coercive action against YSRC MP in vivekanand reddy murder। पूर्व मंत्री मर्डर केस में YSRC सांसद के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करे CBI, हाईकोर्ट ने दिया आदेश


वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा सदस्य वाई.एस. अविनाश रेड्डी- India TV Hindi

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वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा सदस्य वाई.एस. अविनाश रेड्डी

तेलंगाना हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या से जुड़े मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को शुक्रवार को आदेश दिया कि वह वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा सदस्य वाई.एस. अविनाश रेड्डी के खिलाफ 13 मार्च तक दंडात्मक कार्रवाई न करे। विवेकानंद रेड्डी हत्या मामले में सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए आंध्र प्रदेश के कडापा से सांसद अविनाश रेड्डी ने हाईकोर्ट का रुख किया था। 

13 मार्च तक दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक

अविनाश रेड्डी ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह इस मामले में सीबीआई को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और पूछताछ करने से रोके। विवेकानंद रेड्डी से संबंधित मामले में अविनाश रेड्डी इस साल जनवरी और फरवरी में दो बार सीबीआई के सामने पेश हुए थे। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह सीलबंद लिफाफे में याचिकाकर्ता से संबंधित फाइल/रिकॉर्ड पेश करे और 13 मार्च तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। 

विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी हत्या 
विवेकानंद रेड्डी आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस.राजशेखर रेड्डी के भाई और वर्तमान मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चाचा थे। राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात को पुलिवेंदुला में उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी गई थी। 

अविनाश रेड्डी के खिलाफ क्या हैं आरोप
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, विवेकानंद रेड्डी कडपा लोकसभा सीट से अविनाश रेड्डी के बजाय कथित रूप से अपने या वाई एस शर्मिला (मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन) अथवा वाई एस विजयम्मा (जगन मोहन रेड्डी की मां) के लिए टिकट मांग रहे थे। अविनाश, जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा था, ‘‘इसलिए यह संदेह है कि सांसद अविनाश रेड्डी ने उन्हें (विवेकानंद रेड्डी) अपने गुर्गे डी शिव शंकर रेड्डी के जरिए मरवाया, जो सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। इस पहलू पर जांच अभी जारी है।’’ 

10 करोड़ रुपये का दिया था ऑफर
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में शंकर रेड्डी को गिरफ्तार किया था और जनवरी में उनके खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था। केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि शंकर ने के गंगाधर रेड्डी को विवेकानंद की हत्या की जिम्मेदारी लेने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। सीबीआई ने अपराध के सबूत को नष्ट करने और हत्या की बड़ी साजिश में अन्य आरोपियों की भूमिका को उजागर करने के लिए जांच को खुला रखा है। जांच एजेंसी ने मामले में अब तक 248 लोगों को गवाह के रूप में नामित किया है और उनके बयान संलग्न किए हैं। सीबीआई ने 26 अक्टूबर, 2021 को हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था और इसके बाद 31 जनवरी, 2022 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया। 

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