पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले नहीं रुक रहे हैं। इसी क्रम में ताजा मामला कराची से सामने आया है। कराची के गार्डन ल्यारी एक्सप्रेसवे पर अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए हमले में एक नेत्र सर्जन डॉ. बीरबल जेनानी की मौत हो गई है। वहीं एक महिला चिकिस्त्सक घायल हो गई है। डॉक्टर बीरबल कराची मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन के पूर्व निदेशक और स्पेंसर आई अस्पताल के प्रमुख थे।
इससे पहले पाकिस्तान में होली के अवसर भी हिंदुओं पर हमले का मामला सामने आया था। तब लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों पर अटैक हुआ था। पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में करीब 30 हिंदू छात्र होली मना रहे थे। इसी दौरान कट्टरपंथी मुस्लिमों ने उन पर हमला कर दिया और बेरहमी से पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, होली मना रहे छात्रों को कैंपस के बाहर फेंकवा दिया गया।
कट्टरपंथियों के हमले में 15 से ज्यादा हिंदू छात्र घायल हुए थे। हिंदू छात्रों का कहना है कि होली मनाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजाजत ले रखी थी। इसके बावजूद उन पर हमला किया गया। घायल हिंदू छात्र अपनी शिकायत लेकर लाहौर पुलिस के पास भी गए, फिर भी कट्टरपंथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। दरअसल, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर आए दिन जुल्म ढाए जाने की खबरें आती रहती हैं। कभी हिंदू परिवार तो कभी सिख परिवार पर हमले की खबरें वहां आम हैं। आलम यह है कि अब हिंदू अल्पसंख्यकों को अपना त्योहार तक मनाने के लिए हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में होली पर एक कट्टर मौलाना ने भी धमकी दी थी। मौलाना ने सिंध प्रांत में हिंदुओं को खुलेआम धमकी दी थी कि वे होली न मनाएं। उसने कहा था कि ‘यह कोई दिल्ली या मुंबई नहीं, पाकिस्तान है। यहां हिंदू होली नहीं खेल सकते। यहां सिर्फ मोहम्मद का दिन मनाया जाएगा।‘ इस तरह के बयान इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पड़ोसी मुल्क में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक किस हाल में हैं।