RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- भारत को बनना होगा विश्वगुरु, यह दुनिया की जरूरत


rss chief mohan bhagwat said india became world leader next in 20 years its need of world- India TV Hindi

Image Source : PTI
RSS प्रमुख मोहन भागवत

विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक चौगुले के 75 वें जन्मदिन के अवसर पर मुंबई में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत प्रमुख अतिथि के तौर पर मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में हमारे प्रति विश्वास जगा है। आज दुनिया इस मनोस्थिती में आ गई है कि उन्हें भारत का अनुकरण करना होगा। आज तर्क से हमें कोई हरा नहीं सकता है। भागवत ने कहा, समाज आज सुनता भी है। हिंदूराष्ट्र के नाते ये देश बड़ा हो, ये हमको लगता है। जो भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं मानते हैं उन्हें भी ये लगता है कि भारत बड़ा हो ये विश्व की जरुरत है।

आज भारत को तर्क में कोई पराजित नहीं कर सकता है 

भागवत ने आगे कहा, आज हम इस स्थिति में आए हैं। संघर्ष बाकी है लेकिन दुनिया धीरे-धीरे इस मन स्थिति में आ रही है कि अब भारत का अनुकरण करना होगा। इसीलिए अब अनुकरणीय उदाहरण चाहिए। इस स्टेज पर अब हम आए हैं। ऐसे में व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए, परिवार का जीवन कैसा होना चाहिए, सृष्टि के साथ कैसे संबंध बनाकर चलना चाहिए, आपस में राष्ट्रों के संबंध कैसे होने चाहिए, इसके चलते नीति कैसी होनी चाहिए इन सब बातों का उदाहरण दुनिया चाहती है। क्योंकि अब तक दुनिया ने जिन उदाहरणों का अनुकरण किया उन्होंने कोई परिणाम नहीं दिया। दुनिया के लिए अब आशा हम हैं। तो हमको ही करना होगा। नीतिगत जो करना है उस दिशा में कदम बढ़ रहा है। हमारी नीतिकार जैसा सोच रहे हैं वैसा कर रहे हैं। यह सब हमारे आचरण में आना चाहिए और हमारे परिवार के आचरण में।

आज हमें तर्क से कोई जीत नहीं सकता है। वैचारिक दृष्टि से तर्क देखकर आमने-सामने आज हमारा पराजय कोई भी नहीं कर सकता है। इसीलिए आज छल कपट चल रहा है, कुतर्क चल रहे हैं। इसके साथ ही दूसरा संकट यह है कि हमने अपनी नई पीढ़ी को शिक्षित नहीं किया है। सारी बातें हमें जानना चाहिए और नई पीढ़ी को भी बताना हमें पड़ेगा। 

भारत विश्वगुरु बनेगा

20- 30 साल बाद हम भारत को विश्व गुरु देखेंगे। यह मैं बड़े आत्मविश्वास से कहता हूं। यह कोई भविष्यवाणी नहीं है, इसका अर्थ यह है कि हमें काम करने वाली और दो-तीन पीढ़ियों को सजग रहकर बनाना पड़ेगा। कपट फैला रहे आसुरी शक्तियों को जवाब देना होगा। एक नए परिस्थिति का हम सामने जा रहे हैं। एक राष्ट्र के नाते, एक समाज के नाते, हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति, हिंदू समाज यह सारी बातें इसका सामना कर रही है। आसुरी शक्तियां पूरा बल इकट्ठा करके, मर मिटने के डर से हम को मारने मिटाने का प्रयास करेगी। उनकी पद्धति एक नहीं होगी। कुछ जगह पर वह सीधे रास्ते पर उतरेंगे, कहीं वह ऐसा संवाद चलाएंगे कि हम आपस में ही बंट जाएंगे, दुनिया में हमारी अच्छी बातों को भी वह विकृत कर देंगे। सब कुछ हो रहा है, मुझे उदाहरण देने की जरूरत नहीं है। इसी समय दुनिया में हमारे प्रति आशा भी जगी है। हमें दुनिया के सज्जनों को आश्वस्त भी करना पड़ेगा। अपने समाज को भी तैयार करना पड़ेगा।

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *