प्रयागराज: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा अतीक और उसके भाई पर गोलियां बरसाने वाले तीनों हमलावरों ने पूछताछ में किया है। हमलावरों ने पूछताछ में बताया कि कानपुर के हिस्ट्रीशीटर बाबर ने उन्हें आधुनिक बंदूकें दी थीं। पूछताछ में तीनों शूटर सनी, अरूण और लवलेश ने ये खुलासा किया है। सनी की बाबर से हमीरपुर जेल में मुलाकात हुई थी। बाबर पंजाब के अपराधियों से संबध रखता है।
हमलावरों के पास से कौन से हथियार मिले थे?
अतीक और अशरफ पर हमला करने वाले सनी, अरूण और लवलेश के पास से एक 30 पिस्टल (7.62) कंट्रीमेड, एक 9 एमएम पिस्टल गिरसान (मेड इन टर्की) और एक 9 एमएम पिस्टल, जिगाना (मेड इन टर्की) बरामद हुई थी। हमलावरों की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह इतने महंगे और आधुनिक हथियार खरीद सकें। ऐसे में ये सवाल काफी उठ रहा था कि आखिर ये हथियार इनके पास कहां से आए और इन्हें किसने दिया।
कब हुई अतीक की हत्या?
अतीक और उसके भाई अशरफ को शनिवार रात को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान अतीक और अशरफ मीडिया से बात कर रहे थे। तभी नकली मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे हमलावरों ने अतीक के सिर के पास गन सटाकर गोली मार दी। इस दौरान हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की। गोली लगते ही अतीक और उसका भाई अशरफ जमीन पर गिर पड़े और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में 3 हमलावरों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान सनी, अरूण और लवलेश के रूप में हुई।
अतीक को कितनी गोली लगीं?
अतीक अहमद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि उसे 8 गोलियां लगी। इस घटना को अंजाम देने वाले तीनों हमलावरों को प्रयागराज की कोर्ट में भी पेश किया गया था, जहां से इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पहले इन हमलावरों को प्रयागराज की नैनी जेल में रखा गया था लेकिन अतीक के बेटे अली और उसके गुर्गे भी नैनी जेल में बंद हैं। इसलिए सुरक्षा कारणों से इन हमलावरों को प्रतापगढ़ की जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
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