बोर्नविटा पर लगे गंभीर आरोपों के बाद FSSAI का बड़ा कदम, ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा


FSSAI says it keeps acting against food businesses involved in misleading claims amid Bournvita issu- India TV Paisa
Photo:FILE FSSAI Bournvita issue

बीते कुछ दिनों से लोकप्रिय चॉकलेट ड्रिंक बोर्नविटा को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है। इसके स्वास्थ्यवर्धक दावों को लेकर एक इन्फ्लुएंसर के आरोपों के बाद अब खाद्य नियामक FSSAI का बड़ा बयान आया है। FSSAI ने शुक्रवार को कहा कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए झूठे या भ्रामक दावे करने में शामिल खाद्य व्यवसाय परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखे हुए है। 

मोंडेलेज इंडिया के स्वामित्व वाले हेल्थ ड्रिंक ब्रांड- बॉर्नविटा में अधिक चीनी की मात्रा होने के आरोपों के बीच नियामक ने यह बात कही। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI ) ने विशेष रूप से बोर्नविटा मुद्दे का उल्लेख नहीं किया। लेकिन एक बयान में उसने कहा कि देश में खाद्य व्यवसाय परिचालकों (FBO) द्वारा किए गए विभिन्न स्वास्थ्य दावों के बारे में सोशल मीडिया सहित विभिन्न मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया गया है। 

खाद्य नियामक ने कहा कि FSSAI , उचित व्यापार गतिविधियों और खाद्य उद्योग के व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करते हुए सक्रिय रूप से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उन FBO के खिलाफ कार्रवाई करके अपनी वैधानिक भूमिका निभा रहा है, जो खाद्य उत्पादों के बारे में किसी भी तरह के झूठे या भ्रामक दावे करने में शामिल हैं। यह बयान ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ रेवंत हिमतसिंगका के बोर्नविटा में अधिक चीनी होने के आरोप के मद्देनजर आया है। 

हालांकि कंपनी ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस दावे को खारिज कर दिया। कंपनी के कानूनी नोटिस के बाद आरोप लगाने वाले ने सोशल मीडिया से अपना वीडियो हटा लिया था। वीडियो के वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘बोर्नबिटा का बहिष्कार करो’ की बात उठने लगी थी। FSSAI ने कहा कि इसका काम देश में खाद्य उत्पादों के लिए विज्ञान आधारित मानक तय करना और उसे लागू करना है। खाद्य नियामक ने कहा कि उसने विज्ञापन पर नजर रखने को समिति का गठन किया। 

समिति ने पिछले छह महीनों में कई खाद्य उत्पादों पर विज्ञापनों और दावों की छानबीन की है और ऐसे 138 मामलों की सूचना दी है, जिसमें नियमों का पालन नहीं किया गया है और वे भ्रामक हैं। इनमें कई प्रमुख ब्रांड भी शामल हैं। उसने कहा, ‘‘भ्रामक दावों को वापस लेने या वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करने को लेकर आगे की कार्रवाई के लिए मामले संबंधित अधिकारियों को भेजे गये हैं।’’

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