वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के दूसरे संस्करण के फाइनल की सरगर्मियां तेज हैं। 7 जून से शुरू होने वाले इस मुकाबले के लिए टीम इंडिया की टेंशन अब बढ़ती नजर आ रही हैं। अगर पिछले फाइनल की बात करें जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर चैंपियनशिप जीती थी, वहां टीम इंडिया दो स्पिनर और तीन पेसर के साथ उतरी थी। पर वो फॉर्मूला टीम इंडिया के काम नहीं आया था। वहीं कीवी टीम ने पांच पेस ऑप्शन के साथ टीम इंडिया की दिक्कतें बढ़ा दी थीं। इंग्लैंड की कंडीशन तेज गेंदबाजों की हमेशा से मददगार रही हैं। लेकिन अश्विन जैसे गेंदबाज का यहां रिकॉर्ड शानदार है। रवींद्र जडेजा भी जिस शानदार फॉर्म में हैं उनको भी टीम को हर हाल में मौका देना ही होगा। यही टेंशन अब बढ़ गई है कि टीम का कॉम्बिनेशन क्या होगा?
पिछले फाइनल में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी साथ में कुछ कमाल नहीं कर पाई थी। जडेजा को इंग्लैंड की कंडीशन कुछ खास रास नहीं आ रही थीं। वहीं अश्विन ने यहां 7 मैचों में 18 विकेट झटके हैं। ओवल में उन्होंने एक मैच खेलते हुए 2014 में 72 रन देकर 3 विकेट लिए थे। जडेजा की बल्लेबाजी उनके लिए प्लस पॉइंट बनता है। हालांकि, अश्विन भी टेस्ट क्रिकेट में चार शतक लगा चुके हैं। यही टीम इंडिया के लिए बड़ी टेंशन है कि इन दोनों को साथ में लेकर उतरा जाए या फिर सिंगल स्पिनर के साथ जाकर शार्दुल ठाकुर को एक एक्सट्रा पेसर के तौर पर मौका दिया जाए। यह नहीं भूलना चाहिए की अक्षर पटेल भी शानदार फॉर्म में हैं और पिछले सत्र में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था।
रवींद्र जडेजा जुड़े टीम के साथ लंदन में
…तो बाहर बैठेगा यह दिग्गज खिलाड़ी?
अब यह सवाल उठकर आता है कि क्या टीम इंडिया रविचंद्रन अश्विन या रवींद्र जडेजा में से किसी एक को बाहर बैठा सकती है। क्योंकि इंग्लैंड की कंडीशन में दो स्पिनर वाला फॉर्मूला अपनाकर भारत ने देखा है जो सफल नहीं हुआ था। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा परिस्थितियों के हिसाब से ही फैसला ले सकते हैं। शार्दुल ठाकुर की इस स्थिति में लॉटरी लग सकती है। वह बल्लेबाजी का भी ऑप्शन हो सकते हैं और तेज गेंदबाजी में भी चौथे गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और जयदेव उनादकट के रूप में भी टीम के पास पेसर मौजूद हैं। पर चिंता का विषय है स्पिन विभाग, किसे मौका दें और किसे नहीं? यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
ओवल में प्रैक्टिस के दौरान अश्विन
ऑस्ट्रेलियाई टीम के असिस्टेंट कोच और न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज स्पिनर डैनियल वेटोरी ने साफतौर पर कहा है कि, टीम इंडिया की फर्स्ट च्वॉइस रवींद्र जडेजा होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि वह बल्लेबाजी में भी निचले क्रम या मध्यक्रम में टीम को मजबूती देते हैं। अश्विन एक शानदार गेंदबाज हैं और किसी भी टीम के लिए वह पहली च्वॉइस होंगे। लेकिन ओवल की पिच अपने नियमित रवैये के हिसाब से ही बिहैव करेगी। ऐसे में टीम इंडिया अपने कॉम्बिनेशन को देखते हुए उन्हें (अश्विन को) बाहर कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि, जैसे-जैसे यहां दिन बीतेंगे स्पिनर्स को मदद भी मिल सकती है।
फंस सकता है यह पेंच?
खास बात यह कि अश्विन और जडेजा दोनों बल्लेबाजी कर सकते हैं तो अगर एक अतिरिक्त गेंदबाज खिलाया जाता है तो चार पेसर जिसमें शार्दुल भी होंगे तब अश्विन और जडेजा साथ खेल सकते हैं। उस स्थिति में विकेटकीपर केएस भरत सहित पांच बल्लेबाज ही टीम खिला सकती है। जो रोहित शर्मा कप्तान, शुभमन गिल, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा होंगे। पर यह करना ऑस्ट्रेलिया के स्ट्रॉन्ग पेस अटैक के सामने रिस्क हो सकता है। इसलिए जडेजा या अश्विन में से किसी एक की ही जगह बनती दिख रही है अगर चार पेसर खेले। वरना अगर दोनों खेलते हैं तो तीन पेसर के साथ टीम उतर सकती है जिसमें सिराज और शमी की मुख्य भूमिका होगी। उमेश सीनियर हैं लेकिन शार्दुल उनके लिए समस्या बन सकते हैं।
टीम इंडिया का स्क्वॉड
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकट, इशान किशन (विकेटकीपर)।
स्टैंडबाय: यशस्वी जायसवाल, मुकेश कुमार, सूर्यकुमार यादव