समंदर में चीन की अकड़ ढीली करेगा भारत, अरब सागर में उतरे भारतीय जंगी पोत, गरजे विमान


समंदर में चीन की अकड़ ढीली करेगा भारत, अरब सागर में उतरे भारतीय जंगी पोत, गरजे विमान- India TV Hindi

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समंदर में चीन की अकड़ ढीली करेगा भारत, अरब सागर में उतरे भारतीय जंगी पोत, गरजे विमान

Indian Navy: चीन आए दिन हिंद महासागर में अपने जहाजों के जरिए अंतरराष्ट्रीय जलसंधि को तोड़ने की कोशिश करता है। हिंद महासागर में चीन की नौसैनिक गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। ऐसे में चीन की समंदर में अकड़ ढीली करने के लिए भारत ने कमर कस ली है। हाल के वर्षों में अपने युद्ध कौशल के सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक में, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक मिशन को अंजाम दिया।  इसके तहत दो विमान वाहक, कई जंगी जहाज, पनडुब्बियों और 35 से अधिक अग्रिम पंक्ति के फाइटर जेट ने हिस्सा लिया। 

हिंद महासागर में चीन से बढ़ती चुनौतियों के बीच भारतीय नौसेना ने यह बड़ा अभ्यास किया। नौसेना के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत इस अभ्यास में खास भूमिका में थे। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि ‘ हिंद महासागर और उससे आगे समुद्री सुरक्षा व शक्ति को बढ़ाने की भारतीय नौसेना की कोशिशों में यह अभ्यास एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’ 

राष्ट्रीय हित हमारे लिए सबसे ऊपर, कोई आंख नहीं उठा सकता: नौसेना

अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास हाल ही में आयोजित किया गया। नौसेना ने कहा कि शक्ति प्रदर्शन के दौरान उसने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता और संतुलन बनाए रखने और समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत अपने संकल्प पर दृढ़ है। 

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि ‘भारतीय नौसेना ने अरब सागर में 35 से अधिक विमानों के साथ मिशन को अंजाम दिया है, जो विशाल समुद्री विस्तार में लगातार हवाई जहाज के संचालन की गतिविधियां सुचारू रूप से बनी रहे, इसकी जबरदस्त क्षमता का प्रदर्शन करता है। साथ ही यह अभ्यास भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति हम कितने गंभीर और प्रतिबद्ध हैं, यह दर्शाता है।

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले नौसेना ने दिखाई ताकत

नौसेना ने कहा, ‘भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा है और देश की रक्षा रणनीति को आकार देने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में विमान वाहक पोत का महत्व सबसे अहम रहेगा।’ गौरतलब है कि पीएम मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी को कुचलने पर खास चर्चा होगी। इस चर्चा से तुरंत पहले भारत ने नौसेना अभ्यास से समंदर में अपनी ताकत को दिखाकर चीन को यह संदेश दिया है, कि वह अपनी हद में रहे, नहीं तो परिणाम उसके लिए अच्छा नहीं होगा।  

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