cyclone biparjoy imd issues orange alert in gujarat meaning of cyclone warning signals how does they work । गुजरात के इन बंदरगाहों पर लगा सिग्नल 9, क्या है साइक्लोन के 1 से 11 तक के संकेतों का मतलब?


कच्छ के कांडला...- India TV Hindi

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कच्छ के कांडला बंदरगाह पर सिग्नल नंबर 9 लगाया गया

अहमदाबाद: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चक्रवाती तूफान बिपारजॉय बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और आने वाले दिनों में राज्य और पाकिस्तान को प्रभावित कर सकता है। आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, चक्रवात के बुधवार सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, फिर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और सौराष्ट्र और कच्छ को पार करेगा और जखाऊ बंदरगाह के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच पाकिस्तान के तटों को गुरुवार दोपहर तक 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बदल जाएगा। संभावित तूफान का संकेत देने के लिए कच्छ के कांडला बंदरगाह पर सिग्नल नंबर 9 लगा दिया गया है। मुंद्रा और मांडवी बंदरगाह पर भी सिग्नल 9 लगाया गया है।

चक्रवाती सिग्नल क्या है, इसे लगाने का मतलब क्या होता है?


बता दें कि चक्रवाती तूफान से सचेत करने के लिए बंदरगाहों पर चेतावनी का सिग्नल हमेशा मौजूद रहता है, ताकि समुद्र में जहाजों को तुरंत सतर्क किया जा सके। इसके लिए कुछ देशों में झंडे लहराए जाते हैं, वहीं भारत में दिन और रात के लिए अलग तरह के चिन्हों का उपयोग होता है। दिन के संकेतों में सिलिंडर और कोन होते हैं जबकि रात में लाल और सफेद लैंपों को दिखाया जाता है। ‘साइक्लोन सिग्नल’ का सामान्य अर्थ है चक्रवाती तूफान आने संबंधित संकेत। भारत में ये साइक्लोन सिग्नल ग्यारह कैटेगरी में विभाजित हैं जिन्हें 1 से 11 तक का नंबर दिया गया है, जो सभी बंदरगाहों पर आने वाले चक्रवाती तूफान के लिए जहाजों को पहले से वॉर्निंग देता है।

IMD आमतौर पर बंदरगाहों को एक दिन में चार बार सूचनाएं भेजता है और चक्रवाती तूफान के मामले में प्रत्येक तीन घंटे में एक बार सूचनाएं भेजी जाती हैं।  सिग्नल नंबर 9 काफी खतरनाक चेतावनी है, जिसका मतलब है कि काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह की दायीं ओर से आगे बढ़ेगा।

साइक्लोन के 1 से 11 तक के संकेतों का क्या मतलब है?

सिग्नल 1-
समुद्र से दूर स्थित कम दबाव वाले क्षेत्र में यह लागू होता है जहां सतही हवा 60 किमी प्रति घंटे की गति में होती है। इस सिग्नल का मतलब की बंदरगाह प्रभावित नहीं होगा, लेकिन हवा की गति थोड़ी तेज होने की चेतावनी दी जाती है।

सिग्नल 2- 60-90 किमी प्रति घंटे की तीव्रता वाली हवा के कारण समुद्र से दूर डिप्रेशन बन जाता है। यह सिग्नल जहाजों के लिए होता है कि वे बंदरगाहों से हट जाएं।

सिग्नल 3- इसका मतलब होता है कि डिप्रेशन बन गया है और बंदरगाह को प्रभावित कर सकता है। 40-50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाओं के साथ बंदरगाह पर तूफान आने की संभावना है।

सिग्नल 4- समुद्र में गहरा डिप्रेशन होने के कारण बाद में बंदरगाह प्रभावित होने की संभावना है। 50-60 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलेंगी। इस सिग्नल का संकेत है कि बंदगाहों पर खड़े जहाजों को खतरा है। बंदरगाह पर खराब मौसम के लिए सिग्नल 3 और 4 का प्रयोग होता है।

सिग्नल 5- चक्रवाती तूफान में गहरे दबाव का संकेत देने वाला यह सिग्नल बताता है कि हवाएं 60-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड वाली होंगी, जो बंदरगाह के बायीं ओर से तट को पार कर सकती हैं।

सिग्नल 6- सिग्नल 5 की तरह ही है, लेकिन इसमें तूफान बंदरगाह की दायीं ओर से तट को पार करेगा का संकेत होता है।

सिग्नल 7- सिग्नल 7 का मतलब है कि चक्रवाती तूफान बंदगाह के पास से या पूरी तरह तट को पार करता हुआ बढ़ेगा। सिग्नल 5, 6 और 7 बंदरगाहों के लिए खतरे की ओर इशारा करते हैं।

सिग्नल 8- यह बहुत खतरनाक चेतावनी है, जिसका मतलब है कि अब काफी गंभीर रूप से चक्रवात बंदरगाह की बायीं ओर से आगे बढ़ेगा। इस तूफान में चलने वाली हवा की गति 90 से 120 किमी प्रति घंटे की होगी।

सिग्नल 9- सिग्नल 8 की तरह ही यह भी काफी खतरनाक चेतावनी है, जिसका मतलब है कि काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह की दायीं ओर से आगे बढ़ेगा।

सिग्नल 10- सिग्नल 10 का मतलब है काफी गंभीर रूप से साइक्लोन बंदरगाह के ऊपर से या इसके समीप तक आएगा। हवा की रफ्तार 220 किमी प्रति घंटे या इससे भी ज्यादा हो सकती है।

सिग्नल 11- इसका मतलब भी साइक्लोन वार्निंग ऑफिस के पास सभी कम्युनिकेशन फेल हो गए हैं।

cyclone signal

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बंदरगाहों पर 1 से 11 तक के चेतावनी सिग्नल

वहीं, आपको बता दें कि आईएमडी ने आगे भविष्यवाणी की है कि बुधवार को सौराष्ट्र और कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी। सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात क्षेत्र के शेष जिलों में गुरुवार को भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि शुक्रवार को उत्तरी गुजरात और आसपास के दक्षिण राजस्थान में अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

लू की चपेट में आएंगे ये राज्य

रविवार को, आईएमडी ने भविष्यवाणी की कि अगले पांच दिनों के दौरान बिहार, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग इलाकों में लू जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा-दिल्ली, दक्षिण उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में रविवार से मंगलवार तक और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सोमवार को लू चलने की संभावना है।





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