पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने सोमवार को राज्य की नीतीश कुमार सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और इसका पत्र राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को सौंप दिया। ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी ने अपने बेटे संतोष सुमन के साथ राज्यपाल से सोमवार को मुलाकात की।
अमित शाह से मुलाकात संभव
मांझी ने पत्रकारों से कहा कि वह भविष्य के विकल्पों पर विचार-विमर्श के लिए अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में रहेंगे और उस दौरान वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं से मिलने की कोशिश करेंगे।
मांझी, सुमन और पार्टी के विधायक जबतक राजभवन के बाहर रहे, ‘हम’ के समर्थक नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे । बिहार विधानसभा में ‘हम’ के मांझी सहित चार विधायक हैं जबकि बिहार विधान परिषद के सदस्य सुमन ने एक सप्ताह पहले राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, और आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी का जनता दल (यू) में विलय करने का दबाव डाल रहे थे।
सत्तारूढ़ महागठबंधन के पास कुल इतने विधायक
सत्तारूढ़ महागठबंधन के पास लगभग 160 विधायक हैं। इस गठबंधन में जदयू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और तीन वाम दल शामिल हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है। राजभवन से बाहर आने पर मांझी ने कहा, ‘आज रात मैं दिल्ली जा रहा हूं, जहां मैं अगले दो-तीन दिन बिताऊंगा। मेरे साथ सुमन भी होंगे। मुझे कुछ मेडिकल जांच करानी हैं। हम चर्चा करने के लिए राजनीतिक नेताओं से मिलने की भी कोशिश करेंगे।’
मुलाकातों पर सुगबुगाहट जारी
पूर्व सीएम ने यह भी कहा, ‘मैं गृह मंत्री से मुलाकात का समय मांगूगा। मैं राजग के अन्य नेताओं से भी संपर्क करने की कोशिश करुंगा।’ इससे पहले ‘हम’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक में सुमन को पार्टी की ओर से सभी फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया था और उन्होंने समर्थन वापस लेने के फैसले की घोषणा की। (इनपुट: भाषा)
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