नई दिल्ली: बुधवार को भी महाराष्ट्र की सियासत को लेकर सरगर्मी बनी रही। अजित पवार और शरद पवार के गुट में शक्ति प्रदर्शन का खेल चलता रहा। सबसे अहम शरद पवार की दिल्ली में बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रही जिसमें बड़ा फैसला लेते हुए प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और शिंदे सरकार में शामिल होनेवाले विधायकों को पा्र्टी से निकाल दिया। शरद पवार ने दावा किया कि मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं।
मैं ही NCP का अध्यक्ष हूं-पवार
पवार ने एनसीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा-‘मुझे खुशी है कि जिन लोगों को निष्कासित किया, उनको छोड़कर बाकि अन्य लोग इतने कम समय में बैठक के लिए आए। हमारे सभी साथियों की मानसिकता पार्टी को मजबूती से आगे ले जाने की रही। मुझे खुशी है कि आज की बैठक हमारा हौसला बढ़ाने के लिए मददगार होगी… मैं ही NCP का अध्यक्ष हूं, अगर कोई ऐसा दावा कर रहा है तो उसमें कोई सच्चाई नहीं है।’
अजित पवार को मेरी शुभकामनाएं-शरद पवार
शरद पवार ने कहा-‘अगर अजित पवार कहते है की वो मुख्यमंत्री बनना चाहते है तो मेरी उन्हें शुभकामनाएं। हमें पूरा विश्वास है की इलेक्शन कमीशन बातचीत करके ही फैसला लेगा। मुझे पूरा भरोसा है कि 2024 में हुकूमत बदलेगा।’
शरद पवार के बैठक की कानूनी वैधता नहीं-अजित पवार
वहीं अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने कहा है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में शरद पवार की ओर से आहूत कार्यसमिति की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है। अजित पवार ने शरद पवार की मीटिंग पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। कहा-30.06.2023 को NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुझे चुना गया है, जिसमें NCP के चुने हुए प्रतिनिधियों का बहुमत के साथ समर्थन होने के साथ-साथ विभिन्न संगठनात्मक पद पर कार्यरत सदस्यों का भी व्यापक समर्थन है। पार्टी का नाम और प्रतीक हमारे गुट को प्रदान किए जाएं इसके लिए चुनाव आयोग में याचिका दी गई है। अब वास्तविक NCP का प्रतिनिधित्व कौन करता है इस पर फैसला चुनाव आयोग के विशेष अधिकार में आता है। इसलिए कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है। 06.07.2023 को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक का कोई कानूनी महत्व नहीं है।