bengal panchayat chunav violence kills 18 people here is the complete report of the polling day । पंचायत चुनाव का ‘रक्तचरित्र’: बम, बंदूक, और 18 की मौत, उड़ गए बैलेट बॉक्स; वोटिंग डे पर क्या-क्या हुआ


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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में पूरे दिन हुई भयंकर हिंसा

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में कल वोटिंग के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई। इस दौरान 18 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर लोगों की मौत गोली लगने से हुई है। वहीं वोटिंग को दौरान हुई हिंसा पर बीजेपी, लेफ्ट पार्टी ने राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की है। बीजेपी ने मांग की है कि जहां भी हिंसा हुई, वहां पर दोबारा से वोटिंग कराई जाए। साथ ही हिंसा की NIA जांच हो। इस बीच पंचायत चुनाव में हुई हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने ममता सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी चुनावी हिंसा पर चिंता जाहिर की है।

बूथ में लूटपाट, बैलेट बॉक्स की चोरी

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में इस बार जिस तरह का खूनी खेल हुआ उसने 70 और 80 के दशक की याद दिला दी। बम-बंदूक,हिंसा, आगजनी, मारपीट और बूथ में लूटपाट। वो सबकुछ हुआ जो एक जमाने में लेफ्ट के राज में हुआ करता था। कोई पोलिंग बूथ से बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया तो किसी ने बैलेट बॉक्स पानी में फेंक दिया। 

मारे गए लोगों में किस पार्टी के लोग?
इस हिंसा के बीच शनिवार शाम को जब वोटिंग खत्म हुई तो आंकड़े सामने आए तो पता चला कि लोगों ने खूब बढ़चढ़ कर इस मतदान में हिस्सा लिया। कल पंचायत चुनाव में वोटिंग 66.28 फीसदी हुई। लेकिन इसके बाद एक और आंकड़ा आया। वोटिंग के दिन हुई हिंसा में 18 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या टीएमसी के लोगों की बताई गई। मृतकों में टीएमसी के 10, बीजेपी के 3, कांग्रेस के 3 और लेफ्ट से जुड़े दो लोग शामिल हैं।

कांग्रेस ने हिंसा के लिए टीएमसी को घेरा
वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हिंसा के लिए टीएमसी को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि टीएमसी के हाथ खून से सने हुए हैं और पंचायत चुनाव जीतने के लिए उन्होंने खून की होली खेली हैं। हिंसा के आरोप टीएमसी पर लगे। लेकिन टीएमसी के नेता कह रहे हैं कि अगर हिंसा टीएमसी से जुड़े लोगों ने किया है तो मृतकों में सबसे ज्यादा टीएमसी के ही लोग क्यों हैं। 

कहीं बम चले तो कहीं गोली, वोटरों को भी पीटा
कल सुबह से ही उपद्रवियों ने गांव-गांव आतंक कायम करने की कोशिश की। कहीं बम फोड़े गए तो कहीं वोट डालने पहुंचे लोगों को खदेड़ दिया गया। अगर बमबाजों से कोई बचा और हिम्मत करके पोलिंग बूथ तक पहुंचा तो उसे पीट दिया गया। अगर तब भी नहीं माना तो फिर गोली चला दी गई। सुबह शुरू हुई हिंसा का दौर दिनभर चला। आसनसोल में वोटिंग के दौरान एक शख्स को लोगों ने महज इसलिए पीटना शुरू कर दिया क्योंकि वो बाहर का था। वहीं वेस्ट मिदनापुर में टीएमसी और कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। वोटिंग के बाद भी कई इलाकों में आगजनी हुई। मालदा में लोगों ने बीच सड़क पर गाड़ी को आग के हवाले कर दिया।  
 
बैलेट बॉक्स लेकर फरार, कहीं तालाब में फेंका
सबसे हैरानी वाली तस्वीर तो कूचबिहार से सामने आई। यहां पोलिंग के दौरान हिंसा करने वालों को जो मिला उस पर हाथ साफ किया। कूचबिहार के माथाभंगा-1 ब्लॉक के हाजराहाट गांव में एक उपद्रवी बैलेट बॉक्स लेकर ही भाग गया और बाद में बैलेट बॉक्स को आग के हवाले कर दिया। हुगली के आरामबाग में तो बैलेट बॉक्स को तालाब में फेंक दिया गया। बैलेट बॉक्स को तलाशने के लिए गोताखोरों की मदद लेनी पड़ी। आरोप है कि आरामबाग पोलिंग बूथ में टीएमसी के गुंडे धांधली करा रहे थे। बीजेपी समर्थकों को वोट डालने से रोक रहे थे, जिससे नाराज होकर कुछ गांववालों ने बैलेट बॉक्स तालाब में फेंक दिया।

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