NDA Meeting pm modi hugged ljp chief chirag paswan । चिराग पासवान ने पैर छुए तो PM मोदी ने पास बुलाकर दी झप्पी, अपने ‘हनुमान’ से यूं मिले प्रधानमंत्री


PM Modi chirag paswan- India TV Hindi

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पीएम मोदी ने चिराग पासवान को गले लगाया

नई दिल्ली: आज ये तय हो गया है कि 2024 की लड़ाई दो ध्रुवी होने जा रही है। एक ओर 38 दलों का गठबंधन NDA है दूसरी ओर 26 अलग-अलग विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA है। 38 दलों में ना नेता को लेकर कोई कंफ्यूजन है, ना ही नीति को लेकर लेकिन INDIA का नेता कौन होगा इस पर अभी तक सिर्फ अटकलें ही हैं। दिल्ली में आज एनडीए की मीटिंग हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 38 दलों ने एनडीए के बैनर तले दिल्ली के अशोका होटल में 2024 की लड़ाई का रोड मैप बनाया। शाम करीब पांच बजे NDA की ये मीटिंग शुरू हुई थी।

मोदी ने नेताओं के बीचे से चिराग पासवान को अपने पास बुलाया


वहीं, आपको बता दें कि बैठक शुरू होने से पहले ही पीएम मोदी और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का एक वीडियो सुर्खियों में छा गया है। बैठक से पहले चिराग पासवान ने पीएम मोदी के पैर छुए तो प्रधानमंत्री ने भी उनको गले लगाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एनडीए घटक के नेताओं के बीच खड़े चिराग पासवान ने पीएम मोदी ने अपना पास बुलाया और फिर उन्हें गले लगा लिया। पीएम मोदी ने चिराग पासवान को नेताओं के बीच से अपने पास बुलाया और उनके गालों को थप-थपाते हुए उन्हें गले लगा लिया।

देखें वीडियो-

चिराग पासवान की वापसी से NDA को होगा फायदा

बता दें कि युवा दलित नेता चिराग पासवान के एनडीए में दोबारा शामिल होने से बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को फायदा होगा। देश में बदलते राजनीतिक समीकरणों पर जनता की राय जानने के लिए 4,029 लोगों के साथ सीवोटर ने एक खास सर्वे किया, जिसमें यह खुलासा हुआ। सीवोटर सर्वे के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि चिराग पासवान की वापसी से भाजपा को मदद मिलेगी। इसके विपरीत, करीब 37 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनकी वापसी से भाजपा को नुकसान होगा। एनडीए का समर्थन करने वाले और विपक्षी दलों के पक्ष में रहने वाले उत्तरदाताओं के बीच एक बड़ा अंतर है। जबकि एनडीए का समर्थन करने वाले दो तिहाई उत्तरदाताओं को लगता है कि चिराग पासवान से भाजपा को फायदा होगा, विपक्ष का समर्थन करने वाले हर दस उत्तरदाताओं में से चार की भी यही राय है।

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दरअसल, विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले करीब 45 फीसदी उत्तरदाताओं की राय है कि पासवान की वापसी से बीजेपी को नुकसान होगा। लोकसभा सांसद चिराग पासवान दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे हैं, जिन्होंने बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में, एलजेपी को एनडीए गठबंधन सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए छह सीटें आवंटित की गईं और उन्होंने सभी छह पर जीत हासिल की। राम विलास पासवान के निधन के बाद, LJP में दरार आ गई और चिराग पासवान को उनके चाचा पारस पासवान ने पारिवारिक तख्तापलट में एलजेपी के प्रमुख पद से हटा दिया। 18 जुलाई, 2023 को लंबी बातचीत के बाद चिराग पासवान एनडीए में लौट आए।

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