CM Bhupendra Patel completes PM Modi s mission Amrit Sarovar within a year । पीएम मोदी के मिशन अमृत सरोवर को सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक साल में ही किया पूरा, अब गुजरात में खत्म होगी पानी की किल्लत


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मिशन अमृत सरोवर को लेकर पीएम मोदी ने किया था आह्वान

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण की दिशा में एक अहम प्रयास के हिस्से के रूप में अप्रैल 2022 के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का आह्वान किया था। उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर पानी बचाने का संकल्प लेने के लिए अनुरोध किया था। इसी को लेकर बाद में गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने राज्य में 100 फीसदी से अधिक टारगेट पूरा कर किया है। बता दें कि अब तक 2475 के लक्ष्य के मुकाबले गुजरात में 2652 अमृत सरोवरों की पहचान की गई और 2612 अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो चुका है।

अमृत सरोवर को लेकर पीएम मोदी का क्या है विजन

प्रधानमंत्री मोदी की अपील का उद्देश्य सभी जिलों में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाना है। इनमें से हर एक ‘अमृत सरोवर’ में 1 एकड़ (0.4 हेक्टेयर) का तालाब क्षेत्र होगा, जिसमें लगभग 10 हजार घन मीटर की जल धारण क्षमता होगी। इसमें जनभागीदारी को सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका उद्देश्य समाज में साथ मिलकर काम करने की भावना को प्रोत्साहन देना है। इसके लिए आगामी महीनों में अमृत सरोवरों में सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। 

अमृत सरोवरों पर सार्वजनिक कार्यक्रम
गौरतलब है कि हाल ही में योग दिवस 2023 के अवसर पर 1597 सरोवरों पर 65 हजार से अधिक लोगों ने योग दिवस समारोह में भाग लिया था। इसी तरह, 1 जुलाई को कई अमृत सरोवरों पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। अमृत सरोवर के लाभ से अवगत कराने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों और गांव के अग्रणियों के साथ संवाद किया है।

स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के गांवों को प्राथमिकता
पीएम मोदी के इस मिशन के तहत स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के गांवों में स्थित सरोवरों के स्थान को प्राथमिकता दी गई है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता सेनानियों या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 665 अमृत सरोवर कार्यस्थल पर स्मारक के रूप में नीम, पीपल और बरगद जैसे पेड़ लगाए गए हैं।

अमृत सरोवरों की मिट्टी का हाईवे और खेती में उपयोग
वहीं इन सरोवरों की खुदाई में निकली मिट्टी का भी पूरा सदुपयोग हुआ है। अमृत सरोवर की मिट्टी का उपयोग रेलवे, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने सुरेन्द्रनगर-राजकोट डबलिंग प्रोजेक्ट और अहमदाबाद-मेहसाणा ट्रैक डेवलपमेंट, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस हाईवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-27, दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस हाईवे (NH-148 N), NH-8 E जैसी परियोजनाओं में किया है। इसके अलावा स्थानीय किसान भी अपनी जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए अमृत सरोवर की मिट्टी का उपयोग करते हैं।

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