Thane CM Eknath Shinde reached Chhatrapati Shivaji Maharaj Hospital 48 hours after death of 18 patients 18 मरीजों की मौत के 48 घंटे बाद छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल पहुंचे CM शिंदे, घटनाक्रम का लिया


सीएम एकनाथ शिंदे- India TV Hindi

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सीएम एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र के ठाणे शहर के कलवा में नगर निकाय की ओर से संचालित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत हो गई। 18 लोगों की मौत के 48 घंटे बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचकर सीएम शिंदे पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया। आखिर अस्पताल में एक ही दिन में 18 लोगों की मौतें क्यों हुईं? और किन परिस्थितियों में हुईं? इस बात की जानकारी उन्हें मुहैया कराई गई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्रक्रिया बदलने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अस्पताल के वार्डों और आईसीयू में जाकर मरीजों से भी मुलाकात की और स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।

डॉक्टर योगेश शर्मा के निलंबन पर सवाल

बता दें कि कुछ दिन पहले कलवा के अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर योगेश शर्मा को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निलंबित किया था। शिंदे के दौरे के दौरान अस्पताल में गंदगी और लापरवाही पाई गई थी। हालांकि, कुछ ही दिन बाद डॉक्टर योगेश शर्मा को एक बार फिर इस अस्पताल में डॉक्टर के रूप में लिया गया। जब मुख्यमंत्री से इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। सीएम ने कहा कि इस मामले में विभागीय जांच कराई गई। बाद में उन्होंने अच्छा काम किया, साफ-सफाई अच्छी नजर आई, इसलिए उन्हें वापस सेवा में ले लिया गया। 

मुख्यमंत्री ने अस्पताल का किया दौरा

अस्पताल के उप-अधीक्षक डॉ.अनिरुद्ध मालगांवकर ने बताया, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूरे अस्पताल का दौरा किया। लोगों से बातचीत की। मरीजों के रिश्तेदारों से बातचीत की। जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनकी डिटेल हमने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शेयर की। जिन मरीजों की मृत्यु हुई है वह यहां सीरियस कंडीशन में इलाज के लिए लाए गए थे। घटना दुलर्भ है। अस्पताल में मरीजों के इलाज की संख्या बढ़ती जा रही है। हमने थाने के सिविल अस्पताल के साथ टाइअप किया है।” 

उन्होंने बताया, “कलवा के अस्पताल में 500 बेड है, 48 आईसीयू बेड, 30 बेड का एनआईसीयू है। कलवा अस्पताल में बहुत से बाहर से आए हुए सीरियस मरीज इलाज करवाते हैं। हमारी तरफ से पूरी ट्रीटमेंट मरीज को दी जाती है, ताकि वो ठीक होकर अपने घर वापस चले जाए। लोगों को सिविल अस्पताल के बारे में पता नहीं था, जिसके चलते पूरा भार कलवा अस्पताल पर देखने को मिला और मरीजों की मृत्यु हुई। कलवा अस्पताल में जवाहर, मुखाड़ा, भिवंडी, कल्याण, डोंबिवली तक से लोग इलाज करवाने आते हैं।”


– रिजवान शेख की रिपोर्ट 

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