विधानसभा उपचुनाव परिणाम: जानिए किस सीट पर किस पार्टी ने मारी बाजी


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विधानसभा उपचुनाव परिणाम

नई दिल्ली: शुक्रवार को देश की राजनीति का बेहद ही ख़ास दिन था। खास इसलिए, क्योंकि आज देश की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का परिणाम आना था। सुबह से ही सभी पार्टियों में अलग ही उत्साह था। अब आपके मन में सवाल होगा कि उपचुनाव तो होते रहते हैं तो यह कैसे ख़ास हुए? इसका जवाब यह है कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन बनने के बाद यह पहले उपचुनाव थे। इस परिणामों से गठबंधन पर फर्क पड़ना तय है। उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित कुल छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों की शुक्रवार को हुई घोषणा के बाद भाजपा के हिस्से में तीन सीटें जबकि विपक्षी दलों के खाते में चार सीटें आई हैं। 

यूपी के घोसी में समाजवादी पार्टी ने मारी बाजी 

उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 42,759 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। निर्वाचन आयोग के अनुसार सपा के उम्मीदवार सुधाकर सिंह को कुल 1,24,427 मत मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को केवल 81,668 मत मिल सके। मतगणना के दौरान कुल 33 दौर की गिनती हुई। घोसी में कुल 10 उम्मीदवारों में पीस पार्टी के सनाउल्लाह को 2570 मत, जन अधिकार पार्टी के अफरोज आलम को 2100, निर्दलीय विनय कुमार को 1406, प्रवेन्द्र प्रताप सिंह को 1223, रमेश पांडेय को 839, जनता क्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) के मुन्नी लाल चौहान को 606, जन राज्य पार्टी के सुनील चौहान को 541 और आम जनता पार्टी (सोशलिस्ट) के राजकुमार चौहान को 466 मत मिले। इसके अलावा घोसी के 1725 मतदाताओं ने ‘नोटा’ का विकल्प चुना। 

इन तीन सीटों से विजय हुई बीजेपी 

वहीं उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा की बागेश्वर सीट अपने पास बरकरार रखी है। इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस के बंसत कुमार को 2,400 से अधिक मतों से पराजित किया। बागेश्वर की जिलाधिकारी और चुनाव अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि दास के पक्ष में 33,247 मत पड़े जबकि कुमार केवल 30,842 मतदाताओं का समर्थन ही जुटा सके। इसके साथ ही बीजेपी ने त्रिपुरा में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। राज्य के सिपाहीजाला जिले में धनपुर और बॉक्सानगर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में तफ्फजल हुसैन ने बॉक्सानगर सीट पर 30,237 मतों से जीत दर्ज की। इस सीट पर करीब 66 फीसदी मतदाता अल्पसंख्यक हैं। हुसैन को 34,146 वोट मिले जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी मिजान हुसैन को 3,909 वोट मिले। वहीं धनपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार बिंदू देबनाथ की 18,871 मतों से जीत हुई। इस सीट पर मतदाताओं का एक बड़ा तबका आदिवासी समुदाय का है। देबनाथ को 30,017 वोट मिले तथा माकपा के उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी कौशिक चंदा को 11,146 वोट मिले।

झारखंड में NDA उम्मीदवार की 17 हजार से ज्यादा वोटों से हुई हार 

डुमरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार बेबी देवी ने आजसू पार्टी की उम्मीदवार यशोदा देवी को 17,153 मतों से हराकर जीत हासिल की। जिले के चुनाव अधिकारी ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की उम्मीदवार को  1,00,317 वोट मिले जबकि NDA की उम्मीदवार यशोदा देवी को 83,164 वोट मिले। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में झामुमो के शामिल होने के कारण बेबी देवी के खिलाफ किसी कांग्रेस, JDU और RJD ने अपना उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारा था। 

केरल में कांग्रेस ने मारी बाजी 

केरल में पुथुपल्ली निर्वाचन क्षेत्र में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चांडी ओमन ने  37719 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। कांग्रेस ने ओमन की जीत पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चुनाव का परिणाम एलडीएफ के कुशासन के खिलाफ जीत है और कांग्रेस के लिए 100 प्रतिशत राजनीतिक जीत है। कांग्रेस के दिवंगत नेता ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन को 80144 मत प्राप्त हुए तो वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी – सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के जैक सी थॉमस 42425 और भारतीय जनता पार्टी के लिजिन लाल को केवल 6558 वोट ही मिल सके। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आए उपचुनाव के इस नतीजे को सत्तारूढ़ माकपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी का जलवा कायम 

वहीं पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी निर्मल चंद्र रॉय ने 4309 वोटों से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार तापसी रॉय को मात दी। निर्मल को कुल 97613 मत प्राप्त हुए तो वहीं बीजेपी की उम्मीदवार तापसी को 93304 वोट मिले। इस सीट पर कांग्रेस ने भी इंडिया गठबंधन में टीएमसी के शामिल होने की वजह से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा।  





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