Rajat Sharma Blog Womens reservation bill a good beginning a new house| नया संसद भवन : महिला आरक्षण बिल के साथ नई शुरुआत


इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi

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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

आज एक ऐतिहासिक दिन है. आज़ादी के अमृत काल में हमारी संसद ने नये भवन में अपना कामकाज शुरू कर दिया. शुरुआत हुई, 22 साल से इंतज़ार में लटके महिला आरक्षण बिल के पेश होने के साथ. सुबह पुराने संसद भवन में विदाई समारोह के बाद जब नये संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को संबोधित किया, उसके फौरन बाद लोक सभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया. इस नये बिल का नाम है – नारी शक्ति वंदन अधिनियम. इसमें संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान है. सोमवार शाम को नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने इस नये बिल पर मुहर लगा दी थी. गणेश चतुर्थी के अवसर पर जब पुराना संसद भवन छोड़कर नवनिर्मित संसद भवन में पहली बैठक हुई, तो सबसे पहले इस विधेयक को पेश किया गया. सोमवार को ही नरेंद्र मोदी ने कह दिया था कि संसद का यह अधिवेशन छोटा भले ही हो, लेकिन इसमें बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिये जाएंगे. सोमवार को अधिवेशन के पहले दिन पुराने संसद भवन में आखिरी बार बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर तमाम दलों के नेताओं ने 75 साल के संसद के सफर के बारे में अपने उद्गार व्यक्त किये. सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिये दोनों सदनों में बधाई दी गई. इसके बाद मोदी ने अपने भाषण में संसद भवन के 75 साल के सफर का विस्तार से ब्यौरा दिया. मोदी का रुख बिलकुल अलग था. उन्होंने विरोधी दलों पर हमले नहीं किये, बल्कि भारत के पहले राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ज़िक्र किया. इसके बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 15 अगस्त 1947 के ऐतिहासिक भाषण से शुरू कर लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, नरसिम्हा राव, और डॉ. मनमोहन सिंह का भारतीय इतिहास में योगदान का उल्लेख किया. पीएम मोदी ने सभी प्रधानमंत्रियों के कामों को याद किया, देश के विकास में सभी के योगदान की तारीफ की, कहा कि 75 साल के इतिहास में इस संसद भवन में बहुत अच्छे फैसले हुए, कुछ गलत फैसले भी हुए, हंसी खुशी के पल भी देखे, कुछ कड़वे पल भी देखे, लेकिन तमाम विघ्न बाधाओं को पार करके देश हमेशा आगे बढ़ता रहा. मोदी के बाद तमाम दलों के नेता बोले. एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को याद किया.  AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भी बोले. कहा, कि आज इस संसद भवन के आख़िरी दिन, संसद की नाकामियों की भी चर्चा होनी चाहिए. संसद में आबादी के अनुपात में मुस्लिम सांसद नहीं आ रहे हैं, ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने नए संसद भवन को लेकर कहा कि पिच बदलने से नहीं, गेम बदलने से बदलाव आएगा.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बड़ी बात कही. मोदी ने वो दिन याद किया जब वो पहली बार संसद में पहुंचे थे. मोदी ने कहा कि जब वो पहली बार सांसद बनकर इस इमारत में दाखिल हुए, तो श्रद्धा से उनका सिर ख़ुद ब ख़ुद झुक गया. मोदी ने कहा कि ये लोकतंत्र की ताक़त ही है कि प्लेटफॉर्म पर गुजर बसर करने वाला गरीब का बेटा पार्लियामेंट तक पहुंचा और देश का प्रधानमंत्री बना. संसद के पुराने भवन में कामकाज बंद होगा लेकिन  भवन में 75 साल का इतिहास, नेताओं के भाषण और संसद की कार्यवाही सुरक्षित रहेंगी. पुराना संसद भवन देश के संसदीय इतिहास का एक संग्राहलय बनेगा. मुझे लगता है कि सांसदों को नये संसद भवन में नए तेवरों के साथ जाना चाहिए. पुराने संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान जो हल्ला, हंगामा, झगड़ा -झंझट होता था, वो नये भवन में नहीं होना चाहिए. सभी दलों के सासंद को गलत परंपराओं को पुराने संसद भवन में ही छोड़ देना चाहिए. नये संसद भवन में नई और सकारात्मक सोच के साथ जाना चाहिए, नई शुरुआत करनी चाहिए, जिससे नया संसद भवन देश की जनता की आशाओं और आकाक्षाओं को पूरा करने का ज़रिया बन सके. (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 सितंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

 

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