बनारस के इस लड़के ने खींची दुर्लभ तारे की ऐसी तस्वीर, जिसे देखकर हैरान हैं वैज्ञानिक, 400 साल बाद हुई ये घटना । Vedant Pandey from Banaras took such a picture of a rare star


Vedant Pandey- India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
एस्ट्रोबॉय के नाम से मशहूर वेदांत पांडे

वाराणसी: कहते हैं कि प्रतिभा किसी सहारे की मोहताज नहीं होती। वाराणसी के एस्ट्रोबॉय के नाम से मशहूर युवा खगोल जिज्ञासु वेदांत पांडे ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसकी चर्चा दुनियाभर के वैज्ञानिक कर रहे हैं। दरअसल वेदांत ने एक ऐसे दुर्लभ तारे की तस्वीर खींची है, जिसके बारे में नासा समेत तमाम अंतरिक्ष एजेंसियां लंबे समय से अध्ययन कर रही हैं। वेदांत की खींची हुई तस्वीर ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को इस बारे में और अधिक रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया है। 

क्या है पूरा मामला?

वेदांत का दावा है कि निशिमुरा नाम का दुर्लभ तारा वाराणसी में 16 सितंबर को सूर्यास्त से लेकर करीब 45 मिनट तक दिखाई दिया था। इसे धूमकेतु भी कहते हैं। उन्होंने टेलिस्कोप की मदद से करीब 15 मिनट तक इसे आसमान में देखा और इसकी तस्वीर भी ली। वेदांत का कहना है कि वाराणसी के आसमान में पश्चिमी छोर की ओर आसमान में यह कॉमेट दिखाई दिया। 

वेदांत के मुताबिक, यह पुच्छल तारा पृथ्वी से काफी करीब है और अभी सूर्य से करीब 33 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है। समय बीतने के साथ यह धूमकेतु पृथ्वी से लाखों किलोमीटर दूर चला जाएगा। वेदांत इस धूमकेतु को ट्रैक करने के लिए बीते 30 अगस्त से लगातार मेहनत कर रहे थे, जिसकी सफलता उन्हें 16 सितंबर को सूर्यास्त के बाद मिली। 

400 साल बाद सामने आया था ऐसा दुर्लभ नजारा

वेदांत कहते हैं कि यह तारा करीब 400 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद दिखा है और आगे भी 400 साल के बाद दिखेगा। उन्होंने कहा कि इस तारे के दिखाई देने के बाद रिचर्स से यह पता चल जाएगा कि आने वाले समय में और भी कई तारे अपने समय में पृथ्वी के कितने करीब से गुजरने वाले हैं और वो बच पाएंगे या नहीं। वहीं जब यह धूमकेतु दिखाई दिया, उस समय ये पृथ्वी से 1844 स्टोनमिकल यूनिट की दूरी पर था।

कर्मकांडी परिवार से आते हैं वेदांत

वेदांत वाराणसी के इम्पीरियल पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं और ऐस्ट्रोनॉमी में उनकी काफी दिलचस्पी है। वह 11वीं क्लास के छात्र हैं और उनका दावा है कि वह अब तक ऐसी 4 गतिविधियों को देख चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि उन्होंने खुद की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपने टेलीस्कोप से अपने मोबाइल फोन को जोड़ लिया, जिससे वह ऐसी गतिविधियों की तस्वीरें खींच पाने में सफल हो पाते हैं। वेदांत का कहना है कि हमारे ऋषि मुनियों ने तपस्या से ऐसे तारों को खोजने में सफलता पाई थी और मैं नई तकनीक की मदद से यह कर पा रहा हूं।

ये भी पढ़ें: 

दिल्ली में सीनियर सर्वेयर की हत्या, शव को सरकारी फ्लैट के आंगन में दफनाया, फिर फर्श को सीमेंट से करवा दिया पक्का

VIDEO: ग्रेटर नोएडा के लड़के ने इतने लंबे कर लिए बाल…गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम

https://www.youtube.com/watch?v=Ku3-O2J5p6M

 

 





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *