Nagpur Police busts inter-state mobile stealing gang children were being paid Rs 500 per day । 500 रुपये दिहाड़ी देकर बच्चों से करवाते थे मोबाइल चोरी, नागपुर पुलिस ने पकड़ा अंतर्राज्यीय गिरोह


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मोबाइल चोरी गैंग से नागपुर पुलिस ने लगभग 73 फोन जब्त किए

महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो अलग-अलग राज्यों में नाबालिग बच्चों को ₹500 मजदूरी देकर मोबाइल चोरी करवाते थे। नाबालिक बच्चों को ₹500 मजदूरी देकर मोबाइल उड़ाने वाली झारखंड की टोली को नागपुर की धंतोली पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ लिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लाखों रुपए के कीमती मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 73 मोबाइल इनके पास से बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शाहबाज खान, इरशाद अंसारी और शेख बाबर के रूप में हुई है।

ऑटो में बैठाकर लाते और भीड़भाड़ वाले इलाके में छोड़ देते

धंतोली थाने के पुलिस निरीक्षक प्रभावती एकुरके ने बताया कि गिरोह के सरगना इन छोटे-छोटे बच्चों को धार्मिक स्थल, बाजारों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र पर ऑटो में बैठाकर लाते और वहां पर उन्हें छोड़ देते और यह बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में मोबाइल चोरी को अंजाम देने में लग जाते हैं। इन बच्चों को मेहनतनमा के रूप में प्रतिदिन मोबाइल चोरी करने के लिए ₹500 यह गिरोह देता था। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद यह सभी नाबालिक चोर फिर से रात को एक जगह एकत्र होते थे और चोरो के सरगना वहां पहुंचते थे। इसके बाद ऑटो में बैठाकर उन्हें लेकर चले जाते थे। पुलिस के अनुसार ये लोग महाराष्ट्र के अलावा कई राज्यों में इस तरीके की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

परिजनों को दिए जाते थे बच्चों के पैसे 
पुलिस ने बताया कि ये आरोपी देशभर में घूमते हैं। पहले भी कई मौकों पर नागपुर आ चुके हैं। मोबाइल चोरी का काम नाबालिग करते हैं। उन्हें भीड़ में घुसकर मोबाइल चोरी करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इनकी एक दिन की रोजी ₹500 होती है और यह पैसा उनके परिजनों को दिया जाता है। बच्चों को खर्च के लिए दो-ढाई सौ रुपए और खाना दिया जाता है। गिरफ्तार आरोपी ऑटो से बच्चों को भीड़ वाली जगह पर छोड़ देते हैं और मोबाइल चुराने के बाद उन्हें शाम को लेने आते हैं। 

बंगाल होते हुए नेपाल जाते हैं चोरी के फोन
इतना ही नहीं इन नाबालिगों के रुकने की व्यवस्था किराए के मकान पर की जाती है। आरोपी चोरी के मोबाइल को महज ₹2000 में पश्चिम बंगाल में बेचते हैं और वहां से ये मोबाइल नेपाल पहुंचते हैं। नेपाल में आईफोन की काफी डिमांड है और वहां इनकी अधिक कीमत मिलती है। धंतोली पुलिस की तत्परता से यह टोली हाथ लगी है।

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