india s smallest polling booth is in Chhattisgarh Bharatpur Sheradand village । ये है देश का सबसे छोटा मतदान केंद्र, केवल 5 लोगों के लिए बनाया जाता है पोलिंग बूथ


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भरतपुर सोनहत के शेराडांड़ गांव में केवल पांच मतदाता हैं

लोकतंत्र में एक एक वोट की कीमत बहुमूल्य होती है। छतीसगढ़ में ऐसा ही एक पोलिंग बूथ है जो लोकतंत्र की आखिरी कतार में खड़े मतदाता तक पहुंचता है। दरअसल, छतीसगढ़ की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत के शेराडांड़ गांव में केवल पांच मतदाता हैं। इन पांच वोटरों के लिए प्रशासन अलग से मतदान केंद्र बनाता है। यह मतदान केंद्र छतीसगढ़ का सबसे छोटा मतदान केंद्र है और सम्भवतः देश का भी सबसे छोटा मतदान केंद्र शेराडांड़ ही है। 

शेराडांड़ गांव में केवल तीन घर


दरअसस, 15 साल पहले 2008 में यह मतदान केंद्र तब सुर्खियों में आया था, जब यहां केवल 2 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र एक झोपड़ी में बनाया गया था। कोरिया जिले के सोनहत ब्लाक के चंदहा ग्राम पंचायत का आश्रित गांव है शेराडांड़। घने जंगलों के बीच इस शेराडांड़ में केवल तीन घर हैं। एक घर में 60 साल के महिपाल राम नामक बुजुर्ग अकेले रहते हैं। दूसरे घर में रामप्रसाद चेरवा अपनी पत्नी सिंगारो और चार बच्चों के साथ रहते हैं, जबकि तीसरे घर मे दसरु राम अपनी पत्नी सुमित्रा, एक बेटी और एक बेटे के साथ निवास करते हैं। इसका एक बेटा गांव से बाहर रहकर पढ़ाई करता है। इन तीन घरों को मिलाकर कुल पांच मतदाता हैं, जिसमें तीन पुरुष और दो महिला मतदाता हैं। 

इस बार झोपड़ी में नहीं होगी वोटिंग, पक्का भवन बना

बता दें कि इन पांच मतदाओं में भी दसरू राम अपना परिवार लेकर यहां 5 साल पहले जशपुर से आकर बसा है। वह और उसकी पत्नी सुमित्रा शेराडांड़ में पहली बार मतदान करेंगे। शेराडांड़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान कराने के लिए मतदान दल गांव के पास से निकली मुड़की नदी को पार कर यहां पहुचते हैं। शेराडांड़ का यह मतदान केंद्र क्रमांक 143 है। भरतपुर सोनहत विधानसभा क्रमांक 1 में आता है। साल 2008 से यहां अब तक झोपड़ी तैयार कर मतदान कराया जाता रहा है, लेकिन अब यहां एक पक्के भवन का निर्माण हो गया है जिसमें इस बार के चुनाव में मतदान संपन्न होगा। 

दो दिन पहले ट्रैक्टर से पहंचता है मतदान दल

चुनाव आयोग का मतदान दल यहां दो दिन पहले ट्रैक्टर के माध्यम से पहुंच पाते हैं और दो रात यहीं रुककर मतदान करवाते हैं। हर बार यहां 100 फीसदी मतदान होता है। इसके अलावा इसी विधानसभा के कांटो में 12 तो रेवला में 23 मतदाता हैं, जो दुर्गम क्षेत्र में है। चंदहा से शेराडांड़ तक 5 किलोमीटर तक सड़क और पुल न होने से जाने में काफी परेशानी भी होती है।

(रिपोर्ट- सिकंदर खान)

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