चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ा देगा यह खतरनाक हथियार, भारत में होगा निर्माण, जानें खासियत


चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ा देगा यह खतरनाक हथियार- India TV Hindi

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चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ा देगा यह खतरनाक हथियार

India Defence News: भारत अपने डिफेंस को और बढ़ाने के लिए लगातार कवायदों में जुटा है। इसी क्रम में भारत ऐसे हथियारों को अपने जखीरे में शामिल करना चाहता है, जिससे दुश्मनों की नींद उड़ जाए। ऐसा ही एक हथियार भारत अपने ही देश में बना रहा है, जो इतना खतरनाक है कि इससे कई अलग अलग तरह के गोले दागे जा सकते हैं। इस हथियार का नाम कार्ल गुस्ताफ एम-4 है। जानिए इसकी खासियत और इससे जुड़ी अहम बातें।

जानिए इस हथियार की खास बातें

कार्ल गुस्ताफ एक छोटा रॉकेट लॉन्चर है, जो बड़े-बड़े टैंक का काल बन सकता है। कंधे पर रखकर इस हथियार को चलाया जाता है। इसे चलाने के लिए सिर्फ दो लोगों की जरूरत पड़ती है। एक सैनिक जो इसे कंधे से फायर करेगा और दूसरा जो इसमें गोला लोड करेगा। यह हथियार दुश्मन की गाड़ी या टैंकों को एक गोले में ध्वस्त कर सकता है। कार्ल गुस्ताफ एम-4 से पहले इसके तीन वेरिएंट आ चुके थे, जिनमें एम-1, एम-2 और एम-3 शामिल है। 

एम-3 का प्रोडक्शन पहले से ही भारत की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हो रहा है। इस हथियार का इस्तेमाल भारतीय सेना 1970 से ही कर रही है। इस हथियार की क्षमता की तुलना में बेहद कम यंत्रों को लेकर चलना पड़ता है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक इससे बिल्डिंग में छिपे दुश्मनों को भी मारा जा सकता है। यह हथियार यूक्रेन की ओर से भी इस्तेमाल किया जाता रहा है, जिसने रूसी टैंकों को ध्वस्त कर दिया था।

ये नई कंपनी हुई रजिस्टर्ड

स्वीडन की प्रसिद्ध डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी साब ने भारत की रक्षा परियोजनाओं में 100 फीसदी के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी हासिल कर ली है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली यह पहली विदेशी फर्म है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह ऐतिहासिक निर्णय भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण है। साब FFV इंडिया के नाम से एक नई कंपनी रजिस्टर्ड की गई है, जो कार्ल गुस्ताफ एम-4 सिस्टम के लेटेस्ट जेनरेशन वाले रॉकेट लॉन्चर के उत्पादन की देखरेख करेगी।

400 मीटर दूर से भी लगाया जा सकता है निशाना

इस सिस्टम पर क्लिप-ऑन टेलीस्कोप लगा है। इसके अलावा लाल लेजर के जरिए भी निशाना लगाया जा सकता है। कार्ल गुस्ताफ के सभी वेरिएंट में 84 एमएम का गोला लगता है। इसका मतलब है कि गोला पुराने वर्जन में भी काम करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक रुकी हुई गाड़ी पर 500 मीटर दूर और चलते वाहन पर 400 मीटर दूर से यह निशाना लगा सकती है। 

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